Friday, November 15, 2024

नॉएडा में चीन के 13 नागरिकों समेत अन्य की हो रही जांच, 1200 करोड़ भेजे गए थे चीन, ईडी करेगी जांच

नोएडा। भारत में अवैध रूप से रह कर जासूसी, ठगी व अवैध अड्डा संचालित करने के मामले में जून 2022 में पकड़े गए चीन के 13 नागरिकों समेत अन्य लोगों के मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने कुछ लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की है, जबकि कुछ लोग खिलाफ जांच जारी है।

इस मामले में आरोपी कुछ लोगों के खिलाफ एसटीएफ ने दिसंबर और कुछ के खिलाफ जनवरी माह में 6 हजार 300 पन्ने की चार्जशीट जिला न्यायालय में दाखिल की है। अभी 4 लोगो की भूमिका की जांच की जा रही है। उनके खिलाफ भी जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य विभाग के अधिकारियों को एसटीएफ ने पत्र लिखकर संज्ञान लेने को कहा है।

बताया जाता है कि इस मामले में जल्द ही ईडी अपनी करवाई शुरू करेगी। उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल के एसएसपी (नोएडा यूनिट) कुलदीप नारायण ने बताया कि एसटीएफ की जांच में पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड रवि कुमार नटवरलाल ठक्कर को माना गया है, जबकि चीन का नागरिक सु-फाइ व जानसन  इसके सहायक के रूप में है। वर्तमान में नटवरलाल व सु-फाइ गौतमबुद्ध नगर स्थित लुक्सर जिला जेल में बंद है।

दाखिल की गई चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपितों ने 1200 करोड़ से अधिक की ठगी की है। यह रकम 100 से अधिक मुखौटा (फर्जी) कंपनी बनाकर क्रिप्टो करेंसी के जरिये चीन भेजी गई। मोबाइल पार्ट्स बनाने के नाम पर कागजों में मुखौटा कंपनी संचालित की गई। मनी लांड्रिंग के इस केस को जल्द ही ईडी अपने हाथ में ले सकती है। इसके लिए एसटीएफ द्वारा ईडी को पत्र लिखा जा चुका है।

जांच में आरोपितों के 80 बैंक खाते मिले, जिसमें 20 करोड़ से अधिक की रकम मिली। ठगी की रकम को एकत्र करने के लिए आरोपितों ने दिल्ली एनसीआर के अलावा केरल, तेलंगाना के बैंकों में भी खाते खुलवाए थे। सुफाइ की महिला मित्र पेटेख रेनुओ पर नेपाल बार्डर से भारत आने वाले चीन के नागरिकों को ग्रेटर नोएडा में पनाह देने की जिम्मेदारी थी।

पेटेख ने ही सुफाइ को मेल कर बताया था कि नेपाल बार्डर पर उनके दोनों दोस्त लु लैंग और तो यूं हेलंग जासूसी के शक में पकड़ गए है। मेल मिलते ही सुफाइ ने जेपी ग्रींस स्थित फ्लैट पर ताला लगाकर गुरुग्राम स्थित पांच सितारा होटल में जाकर ठहर गया था। महिला मित्र भी वहां पहुंच गई थी। वहीं से दोनों को बीटा- दो थाना पुलिस ने जून माह वर्ष 2022 मे गिरफ्तार किया था।

जांच में पाया गया है कि भारत में अवैध तरीके से रुकने के लिए सुफाइ ने भारत का फर्जी पासपोर्ट बनाया हुआ था। यह पासपोर्ट कोलकाता के पते पर बना था। लाक्पा शेर्पा भारतीय नाम रखकर फर्जी पासपोर्ट से सुफाइ ने मुंबई, तेलंगाना समेत कई अन्य जगह हवाई  यात्रा की थी।

मालूम हो कि बीते 11 जून 2022 को नेपाल बार्डर पर बिहार के सीतामढ़ी क्षेत्र में एसएसबी ने दो चीनी नागरिकों लु लैंग उम्र लगभग 30 वर्ष और तो यूं हेलंग 34 वर्ष को पकड़ा था। दोनों 18 दिनों तक ग्रेटर नोएडा में घरबरा स्थित अवैध शराब के अड्डे व जेपी ग्रींस सोसायटी में रहे थे। दोनों को भारत में पनाह चीनी नागरिक सुफाइ व उसकी महिला मित्र नगालैंड की रहने वाली पेटेख रेनुओ ने दी थी।

पनाह देने वालों को ग्रेटर नोएडा में पकड़ा गया तो पता चला कि अवैध रूप से सुफाइ भारत में रह रहा है, उसकी वीजा अवधि वर्ष 2020 में समाप्त हो गई थी। सुफाइ के कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए जो कि देश सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे। जांच में पता चला कि आरोपित ऐप के माध्यम से ठगी का धंधा संचालित कर रहे थे। इसके लिए फर्जी पते पर लिए गए सिम का इस्तेमाल किया जा रहा था।

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