Friday, November 22, 2024

राजस्थान में 19 नए जिले और बनेंगे तीन नए संभाग, अशोक गहलोत ने विधानसभा में की घोषणा

जयपुर- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रदेश में 19 नए जिले तथा तीन नवीन संभाग बनाने, मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत प्रथम चरण में रक्षाबन्धन पर्व से 40 लाख महिलाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन देने, शिक्षा अनुदेशक (मदरसा पैराटीचर्स) के छह हजार 843 पदों पर भर्ती किये जाने, 250 से अधिक आबादी वाले राजस्व गांवों को चरणबद्ध रूप से डामर की सड़कों से जोड़ने सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की।

श्री गहलोत ने वित्त एवं विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में ये घोषणाएं की । उन्होंने जयपुर जिले के जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू एवं कोटपूतली-बहरोड़ के रुप में चार नये जिले बनाये जाने की घोषणा की। इसी तरह जोधपुर जिले के जोधपुर पूर्व एवं जोधपुर पश्चिम एवं फलौदी के रुप में तीन जिले बनाने, श्रीगंगानगर जिले में अनूपगढ़ को, बाड़मेर जिले में बालोतरा को, अजमेर जिले में ब्यावर एवं केकड़ी, भरतपुर जिले में डीग, नागौर जिले में डीडवाना-कुचामन, सवाईमाधोपुर जिले में गंगापुरसिटी, अलवर जिले में खैरथल, सीकर जिले में नीम का थाना, उदयपुर जिले में सलूम्बर, जालोर जिले में सांचौर तथा भीलवाड़ा जिले में शाहपुरा को नया जिला बनाने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने बांसवाड़ा, पाली एवं सीकर को संभाग बनाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 2600 करोड़ रुपए की लागत से सड़क, पुल व आरओबी आदि के निर्माण एवं उन्नयन कार्य करवाए जाएंगे। महाकाल उज्जैन की तर्ज पर 100 करोड़ रुपए की लागत से गोविन्द देव जी मंन्दिर, जयपुर का विकास किया जाएगा। साथ ही, तीर्थराज पुष्कर के समग्र विकास हेतु पुष्कर विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। बेणेश्वर धाम, डूंगरपुर के आगामी वर्ष में 100 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जाएंगे।

केन्द्र की सौभाग्य योजना समाप्त होने पर घरेलू विद्युत कनेक्शन से वंचित रहने वाले 2 लाख परिवारों को 1000 करोड़ रुपए की लागत से घरेलू कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे। जल जीवन मिशन के तहत उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ एवं राजसमन्द जिलों के 8 कस्बों तथा 1473 गांवों के 3 लाख परिवारों को 4674 करोड़ रुपए की लागत से हर घर जल कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे। प्रदेश के आदिवासी एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों में 250 से अधिक आबादी वाले राजस्व गांवों को डामर सड़कों से चरणबद्ध रूप से जोड़ा जाएगा।

आगामी वर्ष में 75 करोड़ रुपए की लागत से कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए ब्रिज कोर्स संचालित किए जाएंगे, ताकि कोरोनाकाल के दौरान हुए शैक्षणिक नुकसान की भरपाई की जा सके। इससे 70 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे। साथ ही स्कूली शिक्षा की सुविधा सुलभ कराने की दृष्टि से 500 प्राथमिक विद्यालयों का उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तथा 500 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उच्च माध्यमिक विद्यालयों का क्रमोन्नयन करने की घोषणा की। 400 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य एवं कृषि संकाय/विषय प्रारंभ किए जाएंगे। शिक्षा विभाग की तर्ज पर मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को 2 सेट निःशुल्क यूनीफॉर्म उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा साथ ही, 6843 शिक्षा अनुदेशक (मदरसा पैराटीचर्स) भर्ती किए जाएंगे।

कार्मिकों को मई 2023 से सेवानिवृत्ति के दिन ही समस्त पेंशन परिलाभों की स्वीकृति जारी की जाएगी। 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर्स को पेंशन राशि में मूल वेतन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त अलाउंस दिया जाएगा। इसके अलावा श्री गहलोत ने शिक्षा एवं युवा विकास, खेल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सड़क सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, आधारभूत सुविधाएं, पेयजल, उद्योग, ऊर्जा, वन एवं पर्यावरण, पर्यटन, कला एवं संस्कृति, कृषि तथा कानून व्यवस्था आदि क्षेत्रों के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की।

श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार के उत्कृष्ट वित्तीय प्रबंधन के कारण राज्य की वर्तमान आर्थिक स्थिति मजबूत है। कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न हुई परिस्थितियों के बावजूद राज्य आर्थिक प्रगति की राह पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2023-24 के बजट में 1018 घोषणाएं की गई, जिनमें से 250 घोषणाओं की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। जनघोषणापत्र के 80 प्रतिशत वायदे पूर्ण किए जा चुके हैं तथा लगभग 16 प्रतिशत प्रगतिरत हैं। चिरंजीवी, उड़ान, सामाजिक सुरक्षा, निःशुल्क राशन, ओपीएस आदि महत्वपूर्ण निर्णयों से राजस्थान आज मॉडल स्टेट बन गया है।

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