Tuesday, April 22, 2025

औषधि भी हैं पत्ते – पत्तियां

प्राचीन काल से पेड़ पौधे मानव जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग रहे हैं। पेड़ों के फल व फूल जहाँ मानव का पेट भरने व मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक हैं, वहीं पत्तियों की भी हमारे जीवन में विशेष भूमिका है। ये मानव के स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। अधिकांश लोग इस बात से अपरिचित हैं कि पत्तियों का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।

नीम की पत्तियों से साबुन व टुथपेस्ट बनाए जाते हैं। इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से खुजली आदि में आराम मिलता है। नीम की पत्तियों को सुबह चबा कर खाने से खून साफ होता है व कील मुंहासे नहीं निकलते। झाइयां व दाग धब्बे दूर करने में नीम की पत्तियों का लेप लाभप्रद है।

मुंह के छाले होने पर मेंहदी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से गरारे करें। इसके पत्तों को पीस कर सिर पर मलने से सिरदर्द व आँखों की जलन में राहत मिलती है।

पालक के पत्ते पेट को साफ रखने में सहायक हैं। इसके पानी से गरारे करने से गले के दर्द में आराम मिलता है। पालक के पत्तों में मौजूद कैल्शियम दाँतों व मसूड़ों को मजबूत बनाता है। इसके नियमित प्रयोग से कब्ज की बीमारी से मुक्ति मिलती है। पालक में विटामिन ‘ए विशेष मात्र में होता है। इससे आंखों की ज्योति बढ़ती है।

पेचिश रोग होने पर अमरूद के पत्तों का रस उबाल कर पिएं।
दांत के दर्द में अमरूद की पत्तियाँ चबाने से आराम मिलता है।
नेत्र ज्योति में वृद्धि करने हेतु बंदगोभी के पत्तों को सलाद के रूप में नियमित प्रयोग करें।

यह भी पढ़ें :  जानकर चौंक जाएंगे आप! ब्रश से ज्यादा क्यों बेहतर है आयुर्वेद में वर्णित दातुन, किस महीने में करें कौन सा दातुन

मूली के पत्तों का रस पथरी रोग में लाभप्रद है।
सिरदर्द होने पर हरे धनिये के पत्तों का रस नाक में टपकायें।
नींबू के रस में मेथी के पत्तों को पीसकर बालों में लगाने से बाल घने, काले व मुलायम हो जाएंगे।

तुलसी की 2-3 पत्तियों को प्रतिदिन खाली पेट खाने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। शहद के साथ तुलसी के पत्ते खाने से खाँसी दूर होती है।
बुखार व बदन दर्द में तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना कर पिएं।

पान के पत्ते पर घी लगाकर जख्म को सेंकने से उसमें मवाद आसानी से निकल जाता है।
आम के पत्तों में फ्लोराइड होता है अत: इन्हें चबाने से दांत चमकदार व मजबूत रहते हैं।
करेले के पत्तों का रस पेट के कीड़ों को नष्ट करता है।

गुरदे के दर्द में अंगूर के पत्तों का रस थोड़े-से पानी में उबालकर काले नमक के साथ पिएं।
-शैली माथुर

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय