शामली- उत्तर प्रदेश के शामली में सरकारी बजट में 30 करोड़ रुपये के घोटाले का मामले सामने आया है, यहां पर जिला पंचायतीराज अधिकारी नंदलाल ने ओडीएफ प्लस योजना के लिए आए 30 करोड़ रुपये के बजट का बंदरबांट कर डाला है, जिलाधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच सीडीओ को सौंप दी गयी है और जांच अभी जारी है जबकि डीपीआरओ का कहना है कि जांच पूरी हो चुकी है ,सभी खरीद नियम अनुसार जेम पोर्टल से की गयी है।
आपको बता दे कि शामली ज़िले में ओडीएफ प्लस योजना के अंतर्गत 30 करोड़ रुपये की रकम से ग्राम पंचायतों के कचरा निस्तारण के लिए ई-कूड़ा वाहन खरीदे जाने थे, आरोप है कि अफसरों ने ठेकेदार से मिलीभगत करके दोगुनी कीमत में इन वाहनों की खरीद कर ली है।
शामली में 51 ग्राम पंचायतों में ऐसे ढेरों कचरा वाहनों की खरीद की शुरूआत जैम पोर्टल से की गयी है, सहारनपुर के ननौता निवासी ठेकेदार हनी चौधरी ने अपनी फर्म रॉयल कन्सट्रक्टर एंड सप्लायर से एक ई-कचरा गाड़ी की कीमत दो लाख सैतीस हजार रुपये वसूली है, जबकि बताया जाता है कि खुले बाजार में वेस्ट क्वालिटी की यही कचरा गाड़ी महज एक से सवा लाख रुपये में मौजूद है।
यह भी आरोप है कि वाहनों की खरीद सीधे ग्राम पंचायतों को करनी थी, लेकिन डीपीआरओ नंदलाल ने भुगतान के डोंगल अपने कब्जे में ले लिए, इतना ही नहीं उन्होंने अपने चहेते ठेकेदार हनी चौधरी को एक साथ भुगतान कर डाला। जब यह मामला खुला तो उसके बाद डीएम रविंद्र सिंह ने कमेटी बनाकर जांच शुरू कराई है। जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी इसकी जांच कर रहे है, अभी जांच जारी है जबकि डीपीआरओ नन्द लाल का कहना है कि सीडीओ की जांच पूरी हो चुकी है,सभी खरीद नियमानुसार की गयी है।