Friday, November 22, 2024

जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक आज, कई अहम फैसले संभव

नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 49वीं बैठक आज नई दिल्ली में होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन और पान मसाला तथा गुटखा कारोबार में टैक्स चोरी पर लगाम लगाने की व्यवस्था पर विचार-विमर्श हो सकता है। साथ ही बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर मंत्री समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना नहीं है।

सूत्रों ने शुक्रवार को दी जानकारी में बताया कि जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक 18 फरवरी को नई दिल्ली में होगी। महाशिवरात्रि के दिन होने वाली परिषद की इस बैठक में मिलेट प्रोडक्ट्स (श्री अन्न) पर जीएसटी दर घटाने को लेकर चर्चा हो सकती है। बैठक में मिलेट प्रोडक्ट्स पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने पर भी फैसला हो सकता है। इसके अलावा खुले बाजार में बिकने वाले मिलेट प्रोडक्ट्स पर जीएसटी को खत्म करने की भी सिफारिश जीएसटी परषिद कर सकती है। जीएसटी परिषद की बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे।

जीएसटी परिषद की आयोजित 49वीं बैठक में पान मसाला और गुटखा कंपनियों पर टैक्स को लेकर गठित एक अन्य मंत्री समूह (जीएमओ) की रिपोर्ट तथा अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले एक अन्य जीएमओ की ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और घुड़दौड़ पर जीएसटी लगाने की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श हो सकता है। दरअसल ये तीनों रिपोर्ट 17 दिसंबर हुई जीएसटी परिषद की पिछली बैठक के एजेंडा में शामिल थी।

हालांकि, पिछले हफ्ते राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने एक बयान में कहा था कि सरकार अगामी वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं होगा। फिलहाल स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले अगर मिलेट्स पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो इससे श्री अन्न यानी मोटे अनाज को प्रोत्साहन मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटीआईएन) के तहत जीएसटी परिषद फैसला लेने वाली एक प्रमुख संस्था है, जो जीएसटी कानून के अंतगर्त होने वाले सभी कार्यों के जरूरी फैसले लेती है। जीएसटी परिषद की जिम्मेदारी पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक ही कर निर्धारित करना और जरूरी निणर्य लेना और समय-समय पर इसमें संसोधन और बदलाव करना है।

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