कानपुर। कानपुर फर्रुखाबाद रेलवे ट्रैक पर शिवराजपुर स्टेशन के नजदीक एलपीजी गैस सिलेंडर और पेट्रोलियम बम आदि ज्वलनशील पदार्थ रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की रविवार की रात साजिश की गई थी। इससे रेलवे और पुलिस महकमे में हड़कंप मच हुआ है।
सोमवार को एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी ने मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का जायजा लिया। पुलिस छह संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। रेलवे ट्रैक पर जिस प्रकार ज्वलनशील पदार्थ रखा गया, उससे पुलिस को आशंका है कि यह आतंकी घटना हो सकती है।
रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर और ज्वलनशील पदार्थ पाया गया। इसको लेकर सोमवार को दिनभर एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) के आईजी नीलाब्जा चौधरी कमिश्नरेट पुलिस के साथ जांच करते रहे और फॉरेंसिक व डॉग स्क्वॉयड की टीमें साक्ष्य एकत्र करती रहीं। मामले में जिस प्रकार विस्फोटक पदार्थ मिला उससे आतंकी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। इसको देखते हुए एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) भी सक्रिय हो गई है और पांच सदस्यीय टीम कानपुर के लिए रवाना हो गई है।
प्रयागराज से चलकर कानपुर सेंट्रल और अनवरगंज स्टेशन होते हुए रविवार रात कालिन्दी एक्सप्रेस भिवानी की ओर जा रही थी। शिवराजपुर रेलवे स्टेशन के पास चालक को रेलवे ट्रैक पर एलपीजी गैस सिलेंडर रखा हुआ दिखा तो इमरजेंसी ब्रेक लगाया, जिससे ट्रेन धीमी तो हुई लेकिन तब तक इंजन का अगला हिस्सा गैस सिलेंडर से टकरा गया और दूर जा गिरा। इस पर चालक ने रेलवे अधिकारियों को सूचना दी और रेलवे अधिकारियों के साथ कमिश्नरेट पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरीश चन्दर मौके पर पहुंचे। रेलवे ट्रैक पर एक झोला में बारुद, पेट्रोलियम बम और कई संदिग्ध वस्तुएं मिली।
इस पर सोमवार को सुबह से ही एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी ने कानपुर में डेरा डाल दिया और कमिश्नरेट पुलिस के साथ हर बिन्दुओं पर जांच कर रहे हैं। दिनभर फॉरेंसिक की टीम, डॉग स्क्वॉयड व अन्य सुरक्षा की एजेंसियां साक्ष्य एकत्र करती रहीं। कमिश्नरेट पुलिस घटनास्थल से सटे बिल्हौर के मकनपुर में हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार में आने वाले जमातियों पर नजर रख रही है। इसके साथ ही घटनास्थल के आसपास रहने वालों पर नजर है। घटनास्थल के आसपास उस समय सक्रिय मोबाइल नंबरों को भी ट्रैस किया जा रहा है। मकनपुर में पूरे देश से जमाती आते रहते हैं।
कानपुर के डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इसकी वजह से जमातियों की गतिविधियों की जांच की जा रही है। वहीं यूपी एटीएस को भी शक है कि इसकी पीछे जमातियों का हाथ हो सकता है। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी सक्रिय हो गया है। एनआईए के अफसरों ने यूपी एटीएस से बातचीत कर पूरी जानकारी ली है। जल्द एनआईए की एक टीम कानपुर आकर मामले की जांच शुरू करेगी।
बताया जा रहा है कि एनआईए की पांच सदस्यीय टीम कानपुर के लिए रवाना हो गई है। एटीएस के आईजी कानपुर पुलिस के अफसरों के साथ मीटिंग ले रहे हैं। पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया है। डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कई सुरक्षा एजेंसी अपने-अपने स्तर पर जांच कर रही हैं और कमिश्नरेट पुलिस उनका सहयोग कर रही है।