लखनऊ-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नये भारत के विजन को आगे बढ़ाने के लिहाज से जरुरी पीएम श्री स्कूल योजना के पहले चरण में 404 करोड़ की धनराशि से प्रदेश के 928 विद्यालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
पीएम श्री स्कूलों के आधुनिकीकरण के आगाज के मौके पर श्री योगी ने गुरुवार को यहां कहा कि योजना के पहले चरण में 404 करोड़ की धनराशि से प्रदेश के 928 विद्यालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जहां एक से 12वीं क्लास को अपग्रेड किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले गरीब का बच्चा ऐसे विद्यालयों में पढ़ने को मजबूर था, जहां सुविधा, शिक्षक और कनेक्टिविटी नहीं थी। इतना ही नहीं ये विद्यालय बंद होने की कगार पर थे। हमने सत्ता में आने के बाद ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये बेसिक के विद्यालयों को अपग्रेड करना शुरू किया। आज बेसिक के 96 प्रतिशत विद्यालयों को ऑपरेशन कायाकल्प में अपग्रेड किया जा चुका है। इन विद्यालयों में एक्स्ट्रा क्लास, टॉयलेट, लैब और स्मार्ट क्लास का निर्माण किया गया।
मुख्यमंत्री ने लोकभवन में आयोजित 404 करोड़ की धनराशि से पीएम श्री स्कूलों के आधुनिकीकरण का शुभारंभ एवं ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के तहत माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के संतृप्तीकरण के लिए 347 करोड़ की धनराशि अंतरण के दौरान कहा कि ड्रॉपआउट रोकने के लिए स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की गई। इससे हर शिक्षक, अधिकारी और जन प्रतिनिधियों को जोड़ा गया। इसका परिणाम है कि स्कूलों में 40 लाख बच्चे बढ़े हैं।
अभियान के दौरान पाया कि बच्चे नंगे पैर और ठंड में शर्ट में आ रहे हैं। इस पर सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से बच्चों के बैग, किताब, स्वेटर और जूते के लिए धनराशि अप्रैल में ट्रांसफर की जा रही है। इतना ही नहीं स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 1.25 लाख शिक्षकों की भर्ती की। वहीं बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा में पीएम श्री स्कूल योजना एक अभिनव प्रयोग है।
उन्होने कहा कि इसी तरह का प्रयोग प्रदेश में किया गया है, जो अटल आवासीय विद्यालय से जाना जाता है। इसी तर्ज पर प्रदेश में 57 जिलों में इंटीग्रेटेड स्कूल के निर्माण की कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए 1000 करोड़ रुपए की एलाट किये जा चुके हैं। प्रदेश के बच्चे पहले कोचिंग के लिए दूसरे राज्यों में जाते थे। वहीं कोरोना काल के बाद अभ्युदय कोचिंग शुरू की गई। यह कोचिंग हर जिले में वर्चुअली और फिजिकली संचालित हो रही है। आज यहां बच्चे नीट, आईआईटी, यूपीएससी आदि की तैयारी कर रहे हैं। कोचिंग में रोजाना एक घंटा आईपीएस, पीसीएस समेत कई अन्य अधिकारी क्लासेज ले रहे हैं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के बच्चे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिये नौकरियों में चयनित हो रहे हैं।
योगी ने कहा कि पिछली सरकार ने नकल में काफी महारत हासिल कर रखी थी। उस दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल समेत अन्य राज्यों के बच्चे प्रदेश में परीक्षा देने के लिए नामांकन कराते थे क्योंकि उन्हे यहां पर परीक्षा में नकल सामग्री उपलब्ध कराई जाती थी। हमने सरकार आते ही इस पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया और स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया। ऐसे में आज प्रदेश में दुनिया के बड़े-बड़े विद्यालय संस्थान आना चाहते हैं।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारत के एक बार फिर से दुनिया को नेतृत्व प्रदान करेगा। इसमें उत्तर प्रदेश सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा क्योंकि यहां पांच करोड़ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वह विभिन्न पाठ्यक्रम के साथ जुड़कर प्रदेश और देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में बच्चों को सैद्धांतिक पाठ्यक्रम की शिक्षा देने के साथ कुछ नये प्रयास किये गये हैं। इसमें बच्चों को एक जिला एक उत्पाद, स्किल डेवलपमेंट समेत अन्य शिक्षा भी दी जा रही है।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और योगी ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत समूह ख के नवचयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इससे पहले योगी ने लोकभवन में बच्चों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके अलावा स्कूलों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए कई प्रधानाचार्यों को टैबलेट सौंपे। साथ ही स्मार्ट क्लासेज के संचालन पर विभिन्न शिक्षकों को प्रमाण पत्र सौंपे।
कार्यक्रम में मंत्री गुलाब देवी, मंत्री संदीप सिंह, मंत्री सूर्यप्रताप शाही, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव वित्त एवं माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमके शनमुगा सुंदरम आदि मौजूद रहे।