नई दिल्ली। गोला बारूद, टॉरपीडो व मिसाइल से सुसज्जित तीसरी बार्ज नौका शुक्रवार को लॉन्च की गई। इस नौका के मिल जाने से भारतीय नौसेना की शक्ति में वृद्धि हुई है। एलएसएएम 17 (यार्ड 127) नामक इस बार्ज का जलावतरण 27 अक्टूबर को वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है।
इसकी विशेषताओं के बारे में बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एसीटीसीएम बार्ज की उपलब्धता भारतीय नौसेना की नौकाओं को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एलएसएएम 17 (यार्ड 127) का जलावतरण मेसर्स सूर्य दीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे में सीएमडीई वी प्रवीण, एडब्ल्यूपीएस (एमबीआई) द्वारा किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह जहाज देश में स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी प्रमुख एवं सहायक उपकरण व प्रणालियों के साथ रक्षा मंत्रालय की “मेक इन इंडिया” पहल का गौरवशाली ध्वजवाहक है। इस नौका के लॉन्च होने के साथ ही भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” पहल पर कार्रवाई करते हुए 11 एक्स गोला बारूद से सुसज्जित टॉरपीडो सह मिसाइल (एसीटीसीएम) बार्ज लंबी-संकरी नौका के निर्माण तथा वितरण के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मेसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे के साथ अनुबंध पूरा हुआ है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए कार्य करने वाले शिपयार्ड ने दो बार्ज नौकाओं को सफलतापूर्वक तैयार करके भारतीय नौसेना को सौंपा है। इन लंबी-संकरी नौकाओं का निर्माण इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के अंतर्गत किया जा रहा है। एसीटीसीएम बार्ज की उपलब्धता भारतीय नौसेना की नौकाओं को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति प्रदान करेगी।