जगदलपुर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना की बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गरीब की एक ही जाति होने के बयान पर उन्हे आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब एक ही जाति गरीब की है तो फिर मोदी को हर जनसभा में अपने को ओबीसी ओबीसी कहने की क्या जरूरत है।
गांधी ने आज यहां एक बड़ी चुनावी सभा में कहा कि..मोदी ने आज कहा कि एक ही जाति गरीब की है,यानी दलित ,पिछड़े आदिवासी नही है। क्या आदिवासी संस्कृति,इतिहास नही है। दलितों का फिर क्यों अपमान होता है और ओबीसी को क्यों उनका हक नही मिलता..। सिर्फ एक ही जाति है तो फिर मोदी को क्यों बार बार हर जनसभा में अपने को ओबीसी कहना पड़ता है। उन्होने कहा कि मोदी भाजपा और संघ की सोच आदिवासी विरोधी है,और वह आदिवासियों को वनवासी कहकर उनका अपमान करते है।
उन्होने कहा कि उनकी सोच में आदिवासी मतलब जंगल में जानवरों जैसा रहने वाला वनवासी है। वह आदिवासियों से जानवरों जैसा व्यवहार करना चाहते है। उन्होने भाजपा के एक नेता द्वारा मध्यप्रदेश में एक आदिवासी पर पेशाब करने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी सोच आदिवासियों के लिए अच्छी नही है। उन्होने कहा कि आदिवासी मतलब जिनके पास एक दिन जल,जंगल और जमीन थी और उसके मालिक थे। भाजपा की सोच इसके विपरीत है,अगर वह सत्ता में लौटी तो आदिवासी अपने मूल हक से वंचित हो जायेंगे।
गांधी ने ट्राइबल बिल,पेसा कानून,जमीन अधिग्रहण कानून जैसे आदिवसियों के हित में कांग्रेस सरकारों द्वारा लिए गए अहम निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने प्रावधान किया कि आदिवासी इलाकों में बगैर ग्रामसभा की सहमति के जमीने नही ली जा सकती। उन्होने कहा कि यह कानून ही नही बनाए बल्कि इसे लागू भी किया गया।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में मोदी के परम मित्र अडानी की लौह अयस्क की खदान को यहां की कांग्रेस सरकार ने इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि आदिवासी इसके विरोध में थे। उसके लिए आदिवासियों की राय की बहुत अहमियत है।
उन्होने मोदी पर लोगो से झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी ने कहा कि 15 -15 लाख सभी के खाते में आयेंगे,नोटबंदी से काला धन वापस आयेगा और जीएसटी से हिन्दुस्तान को बदलेंगे..। उन्होने भीड़ से पूछा कि क्या ऐसा हुआ,जवाब मिला नही। गांधी ने पिछले विधानसभा चुनावों में अपने किए वादों का जिक्र किया और पूछा कि क्या कोई है,जिसको इसका लाभ नही मिला। उन्होने कहा कि हमनें वादा किया था कि किसानों का कर्ज माफ करेंगे,धान 2500 रूपए क्विंटल खरीदेंगे,मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में इसका निर्णय लिया। गांधी ने लोगो को विश्वास दिलाया कि इस बाऱ भी जो वादे हम करेंगे उसको जरूर पूरा करेंगे। हम जो कहते है उसे जरूर पूरा करते है।
गांधी ने कहा कि मोदी तथा भाजपा एवं राहुल तथा कांग्रेस की सोच में बड़ा फर्क यह है कि हम किसानों का कर्जा माफ करते है उन्हे धान की अच्छी कीमत देते हैं,बिजली बिल में रियायत देते है तो फिर उसके पास पैसा बचता है। वह पैसा वह गांव में खर्च करता है जिससे छोटा व्यापारी भी लाभान्वित होता है आगे बढ़ता है,और गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है जबकि मोदी की सोच अडानी को मजबूत करने की है,क्या अडानी गांव में एक भी पैसा खर्च करेंगा,वह तो अमरीका जापान और दूसरे देशों में खर्च करेंगा और अपना व्यापार बढ़ायेगा। उन्होने मोदी और भाजपा नेताओं की भाषा नीति पर गंभीर सवाल उठाया और कहा कि यह हिन्दी हिन्दी करते रहते है जबकि अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडिएम स्कूल में पढ़ाते है। वह नही चाहते कि गांव गरीब और आदिवासी का बच्चा अंग्रेजी पढ़े।
उनका मानना है कि आदिवासियों और इन वर्गों का बच्चा अगर अंग्रेजी पढ़ गया तो डाक्टर,इंजीनियर,पायलट बनने की सोचने लगेंगा। उन्होने छत्तीसगढ़ सरकार के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडिएम स्कूल का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस की सोट यह हैं कि गरीब आदिवासी का बच्चा भी छत्तीसगढ़ी,हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी भी पढ़े। उन्होने लोगो से कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष के कामकाज पर फिर समर्थन देने की अपील की।