Friday, November 8, 2024

शिवसेना (यूबीटी) के उप नेता 7.50 करोड़ के बैंक ऋण मामले में गिरफ्तार

नासिक (महाराष्ट्र)। कथित तौर पर 7.50 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में बुधवार को भोपाल से गिरफ्तार शिवसेना (यूबीटी) के उप नेता अद्वय हिरे को गुरुवार को यहां मालेगांव कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता हिरे पर कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर नासिक जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) से ऋण प्राप्त करने और फिर राशि चुकाने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है।

नासिक ग्रामीण पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। इस बीच हिरे छिप गया था लेकिन भोपाल पुलिस ने उसका पता लगा लिया और गुरुवार को मालेगांव के रमजानपुरा थाने को सौंप दिया।

उसे अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश यू.एस. बाघेले के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसे 20 नवंबर तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया।

हिरे की सात दिन की हिरासत के लिए दलील देते हुए, अतिरिक्त सरकारी वकील महेंद्र फुलपगारे ने कहा कि बंधक मिल और जमीन की बिक्री से प्राप्त 1.78 करोड़ रुपये की राशि से बैंक ऋण की किस्‍त का भुगतान नहीं किया गया था।

कुल ऋण राशि में से छह करोड़ रुपये की राशि एक निजी वेंकटेश बैंक को हस्तांतरित की गई। पुलिस जांच कर रही है कि ऐसा क्यों किया गया, पैसे के साथ क्या किया गया और इससे किसे लाभ हुआ।

हालांकि, हिरे के वकील ने दलील दी कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, सभी दस्तावेज पहले ही ले लिए जा चुके हैं और इसलिए पुलिस हिरासत की कोई जरूरत नहीं है।

एनडीसीसीबी के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में हिरे ने 2013 में रेनुकादेवी यंत्रमग महिला औद्योगिक सहकारी समिति के नाम पर एक बुनाई मिल बंधक रखकर लगभग 7.50 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। मिल की अध्‍यक्ष उनकी पत्नी स्मिता हिरे थीं।

इन वर्षों में, राशि बढ़कर 32 करोड़ रुपये हो गई, जिसके बाद बैंक ने कर्ज की वसूली के लिए अप्रैल 2023 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और चूंकि राशि 25 करोड़ रुपये से अधिक हो गई थी, इसलिए मामला ईओडब्ल्यू, नासिक को स्थानांतरित कर दिया गया था।

गिरफ्तारी की आशंका से हिरे ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे निचली अदालत और बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा पकड़े जाने तक वह फरार बताया गया था।

शिवसेना (यूबीटी) के शीर्ष नेता संजय राउत और सुषमा अंधारे ने हिरे की गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार द्वारा किया गया ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है क्योंकि वह (हिरे) पीडब्ल्यूडी मंत्री दादाजी भुसे के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थे।

अंधारे ने तीखे स्वर में कहा, “अगर हिरे भाजपा में शामिल हो गए होते (जून 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद), तो उनके सभी कथित पाप माफ कर दिए गए होते, लेकिन क्योंकि वह शिवसेना (यूबीटी) में शामिल हो गए हैं, इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।”

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