फिरोजाबाद। समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को फिरोजाबाद में केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास की बात कहने वाले भाजपा के लोग इसलिए जातीय जनगणना नहीं कराना चाहते, क्योंकि वह दलित, पिछड़े और छोटी-छोटी जातियों को उनका हक व सम्मान नहीं देना चाहते।
समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार को फिरोजाबाद जिले की टूंडला तहसील में आयोजित पाल,बघेल व धनगर समाज की मंडलीय महापंचायत में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे।
इस दौरान उन्होंने अपने मंचीय भाषण में कहा कि पाल, बघेल एवं धनगर समाज के लोगों ने साफा पहनाकर जो उनका सम्मान किया है, वह राजनैतिक रूप इस सम्मान को वापस लौटाने का काम करेंगे। राजनैतिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी इस समाज को सम्मान दिलाने के लिए यदि कोई कदम उठाना पड़ेगा तो वह पीछे नहीं हटेंगे, आपके साथ खड़े होंगे।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम आयोजित कर पाल, बघेल, धनगर समाज ने न केवल अपनी ताकत दिखाने का काम किया है, बल्कि विरोधियों की नींद भी गायब कर दी है। यदि आने वाले चुनाव में पाल, बघेल, धनगर समाज समाजवादी लोगों के साथ होंगे तो सपा को कोई हरा नहीं सकेगा।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि आपने दिल्ली वालों का भाषण सुना होगा, वह कह रहे हैं कि इस देश में किसान, नौजवान व अन्य लोग गरीब हैं और जो लोग जातियों की बात कर रहे हैं, वह आपको गुमराह कर रहे हैं। उनसे कहना चाहता हूं कि वह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को याद करें, जिन्होंने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देकर सम्मान देने का काम किया। इसके साथ ही मंडल कमीशन में पिछड़ों को आरक्षण देकर सम्मान देने का काम किया।
उन्होंने कहा कि 1931 के बाद जातीय जनगणना नहीं हुई, उसके कारण कुछ और है, लेकिन देश में आज ज्यादातर लोग जातीय जनगणना के पक्ष में है। संविधान व मंडल कमीशन की मूल भावना जातीय जनगणना है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अन्य समाज जातीय जनगणना के पक्ष में है, उसी प्रकार पाल, बघेल, धनगर समाज भी जातीय जनगणना का समर्थन करे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी लोग कहते हैं कि पहले एक ही समाज यानी सिर्फ यादवों को ही लाभ मिला, यह विरोधियों का षडयंत्र है, यह झूठा प्रचार है। अखिलेश यादव ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास से नहीं, बल्कि जातीय जनगणना होने से ही सामाजिक न्याय की लड़ाई पूरी होगी।
उन्होंने सपा सरकार में मैरिट के आधार पर की गई पुलिस भर्ती का मुद्दा उठाते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार में मैरिट के आधार पर हुई पुलिस भर्ती को भाजपा के लोगों ने कोर्ट में चैलेंज कर उसका परिणाम नहीं आने दिया। कोर्ट से जीत के बाद जब परिणाम घोषित किया तो उसमें भी नई आरक्षण व्यवस्था का हवाला देकर करीब 1700 दलित, पिछड़े नौजवानों की नौकरी भाजपा सरकार ने ले ली। भाजपा पहली ऐसी सरकार है जिसने नौकरी देने की बजाय नौजवानों की नौकरी छीनने का काम किया है। इस दौरान सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव, पूर्व सांसद अक्षय यादव सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।