Wednesday, January 22, 2025

नोएडा में किसान नेता युद्धवीर सिंह के समर्थन में भाकियू ने सौंपा ज्ञापन

नोएडा। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने आज कलेक्ट्रेट सूरजपुर में किसान नेता युद्धवीर सिंह को अवैध हिरासत में लेने और यात्रा प्रतिबंध पर तथा एसकेएम के साथ हुए लिखित आश्वासन के उल्लंघन के विरोध में प्रदर्शन कर भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नाम संबोधित एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी नितिन मदान को सौंपा है।

ज्ञापन में किसान नेताओं द्वारा कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई नेताओं को दिल्ली पुलिस सहित केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों द्वारा उन्हें कॉरपोरेट समर्थक कृषि अधिनियमों को निरस्त करने की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने लंबे चले ऐतिहासिक किसान संघर्ष से संबंधित दर्ज आपराधिक मामलों में फंसाने के लिए जानबूझकर किए गए अनुचित कार्यों की ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षरित 9 दिसंबर 2021 के लिखित पत्र के आधार पर एसकेएम के साथ एक समझौता किया था, जिसके आधार पर किसान संघर्ष को स्थगित कर दिया गया था। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था (पैरा रू 2 ए और बी) कि उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा की राज्य सरकारें किसान संघर्ष से संबंधित सभी मामलों को तुरंत वापस लेने के लिए पूरी तरह सहमत हैं। साथ ही, पत्र में केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में उसकी एजेंसियों और प्रशासन ने किसानों के संघर्ष से संबंधित सभी मामलों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की थी और अन्य सभी राज्य सरकारों से भी किसानों के संघर्ष के खिलाफ ऐसे सभी मामलों को वापस लेने का अनुरोध करने की बात कही थी।

राज्यसभा में भी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया था कि गृह मंत्रालय में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, किसानों के खिलाफ 86 मामले वापस लेने का प्रस्ताव आया है और गृह मंत्रालय ने ऐसा करने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा, रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बलों द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया है। लेकिन लगभग दो वर्षों के बाद, युद्धवीर सिंह, जो एसकेएम के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हैं, को 29 नवंबर 2023 को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यह दावा करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया कि वह 2020-21 के दिल्ली में ऐतिहासिक किसान संघर्ष से संबंधित मामले में आरोपी हैं। इस कार्रवाई के कारण अंतर्राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए कोलंबिया जाने वाली उनकी उड़ान छूट गई। हालांकि, बाद में किसानों के कड़े विरोध के कारण दिल्ली पुलिस को उन्हें रिहा करना पड़ा। युद्धवीर सिंह की अवैध हिरासत के संदर्भ में एसकेएम को पता चला है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली संघर्ष से संबंधित मामलों में एसकेएम नेताओं के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया है।

एसकेएम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि क्या गृह मंत्रालय के पास ऐसी कोई जानकारी है और यदि है तो लोकतंत्र में पारदर्शिता बरतते हुए सभी लुक आउट नोटिसों को सार्वजनिक किया जाए। इस दौरान राजे प्रधान, पवन खटाना, रॉबिन नागर, बेली भाटी, सुनील प्रधान, अनित कसाना, अमित डेढा, भगत सिंह, इंद्रीश तुगलपुर, विनोद पंडित, श्रीचंद तंवर, अजीत गैराठी, पवन नागर, अजीपाल नंबरदार, योगेश, संदीप खटाना, शमशाद सैफी, रामनिवास, अवधेश, प्रेमपाल, बोबी, महेश चपराना, अमन, संदीप चपराना, राजू चौहान, ललित चौहान, सोनू मंगरौली, भूषण छपरौली, बिन्नू भाटी, धर्मपाल सहित अन्य मौजूद रहे।

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