नई दिल्ली। संसद की एक समिति बैंकिंग कानूनों पर अगले महीने चार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ चर्चा करने वाली है। इन कानूनों में अन्य के अलावा विलय और अधिग्रहण से भी संबंधित धाराएँ भी हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने एक दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की पांच बीमा कंपनियों के साथ उनके कामकाज और देश के बीमा कानूनों पर अलग से चर्चा की जाएगी।
यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों के साथ 2 जनवरी को और बैंक ऑफ महाराष्ट्र तथा बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों के साथ 6 जनवरी को मुंबई और गोवा में अनौपचारिक चर्चा होगी।
इस पहल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संभावित विलय की चर्चा को हवा दी है। हालाँकि वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चर्चा अधीनस्थ कानून पर संसदीय समिति की एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और विलय के मुद्दे से जुड़ा नहीं है।
सरकार ने 2019 में 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को चार संस्थाओं में विलय करने की घोषणा की थी।
यह एक मजबूत राष्ट्रीय उपस्थिति और वैश्विक पहुंच के लिए अपने वित्त को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की सरकार की नीति का हिस्सा था।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय जीवन बीमा निगम, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के साथ दो जनवरी को बैठक प्रस्तावित है।
इसके अलावा, बैठक में आरबीआई के कामकाज और नियामक निरीक्षण को नियंत्रित करने वाले कानून पर अनौपचारिक चर्चा भी शामिल होगी।