प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन व प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध की गई विवादास्पद टिप्पणी के मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी को आज खारिज कर दिया है।
मालूम हो कि न्यायालय ने 30 नवम्बर 2023 को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने उमर अंसारी की अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व उपेंद्र उपाध्याय व अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव को सुनकर दिया।
इनका कहना था कि पुलिस उप निरीक्षक गंगा राम कोतवाली नगर, मऊ ने 04 मार्च 2022 को एफआईआर दर्ज कराई कि 3 मार्च 22 को शाम साढ़े आठ बजे रूटीन चेकिंग में पहाड़पुरा के पास अब्बास अंसारी, उमर अंसारी व आयोजक मंसूर अहमद अंसारी भारतीय सुहैल देव समाज पार्टी की सभा कर रहे थे। लगभग 150 अन्य लोग मौजूद थे। चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया गया। पहली अग्रिम जमानत हाईकोर्ट ने वापस लेने व पुनः दाखिल करने की अनुमति के आधार पर 17 अक्टूबर 2022 को खारिज कर दी थी।
याची ने इसके बाद मामले में दाखिल आरोप पत्र को चुनौती दी। जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की वह भी खारिज हो गई। जिसके बाद यह दूसरी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल गई है। सरकार की तरफ से कहा गया की पहली अग्रिम जमानत नए तथ्यों के साथ दाखिल करने की अनुमति मांगी गई थी। जबकि यह कई महीने बाद दाखिल की गई।