Friday, November 22, 2024

उपचार न होने पर एक साल में पंद्रह स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है टीबी रोगी, वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त होगा भारत

कानपुर। अगर दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है, बुखार बना रहता है, वजन घट रहा है, भूख नहीं लगती है तो टीबी की जांच अवश्य कराएं। जांच में यदि टीबी की पुष्टि होती है तो घबराएं नहीं क्योंकि इसका पूर्ण इलाज संभव है। टीबी को छिपाने पर एक मरीज उपचार न होने के कारण एक साल में करीब पंद्रह स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में इसे छिपाने की नहीं बल्कि इसके इलाज की जरूरत है। यह जानकारी क्षयरोग से ठीक हो चुकीं टीबी चैंपियन दुर्गा सैनी ने बड़ा चौराहा में चल रहे मेट्रो निर्माण के दौरान वहां मौजूद कर्मचारियों व मजदूरों को दी।

इस दौरान मेट्रो के स्वास्थ्य अधिकारी मिलन सरकार व डॉ अंकुर कनौजिया सहित सहयोगी संस्था वर्ल्ड विज़न के जिला समन्वयक राम राजीव सिंह मौजूद रहे। साथ ही वहां मौजूद जिला पुरुष अस्पताल, उर्सला के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) राजेश विश्नोई व विवेक मौर्य ने बताया की कहा कि यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। इसलिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवा का नियमित रूप से सेवन करें। यह जरूर ख्याल रखें कि दवा को बीच में छोड़ना नहीं है, नहीं तो टीबी गंभीर रूप ले सकती है। ऐसी स्थिति में इलाज लंबा चल सकता है।

वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना प्राथमिकता
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा (डीटीओ) का कहना है कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना हम सभी की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक टीबी का संक्रमण न फैले इसके लिए आवश्यक है कि उच्च जोखिम समूहों जैसे मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों, ईंट भट्ठा श्रमिकों, सेक्स वर्कस, कुपोषित समूहों आदि के बीच से टीबी मरीज आगे आएं और अपना इलाज पूरा करवायें।

भ्रांतियों को दूर कर रहे टीबी चैंपियन
उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राजेश्वर सिंह बताते हैं कि टीबी का इलाज संभव है, लेकिन अब भी टीबी को लेकर लोगों में कई प्रकार की भ्रांतियां हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने और क्षय रोगियों का मनोबल बढ़ाने के लिए जनपद में टीबी चैंपियन अपना अनुभव साझा कर रहे हैं। वह अपने अनुभवों से उन्हें बता रहे हैं कि टीबी का उपचार संभव है। टीबी चैंपियन क्षय रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को जोखिम मूल्यांकन की जानकारी व उपचार के बारे में बता रहे हैं।

टीबी एक ड्रॉपलेट इंफेक्शन
जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना बताते हैं कि टीबी एक ड्रॉपलेट इंफेक्शन है। अगर कोई टीबी का मरीज छींकता है, या खांसता है, तो इसके ड्रॉपलेट पॉच फीट तक जाते हैं। ऐसे में हम मास्क लगाकर और दूरी बनाकर टीबी के संक्रमण को रोक सकते हैं और उसे खत्म कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक दस दिवसीय विशेष एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान के तहत टीबी के लक्षण वाले 3682 लोगों के बलगम का नमूना लिया गया। बलगम की जांच में 79 व एक्स-रे की जांच में 36 लोगों में टीबी की पहचान हुई। कुल 115 टीबी रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय