Monday, May 20, 2024

बंगाल में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी तृणमूल, ‘इंडिया’ के साथ कोई समझौता नहीं: ममता

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

कोलकाता- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर वार्ता विफल रहने के कारण अपनी पार्टी के राज्य में ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने की घोषणा करते हुए बुधवार को कहा कि वह राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी।

सुश्री बनर्जी ने ‘इंडिया’ में चल रहे घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि गठबंधन ने बंगाल में रैली के संबंध में कोई चर्चा नहीं की, जबकि ‘हम गठबंधन में एक पार्टी हैं।’ उन्होंने पूर्व बर्धमान जिले के लिए रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा,“हमारे चुनाव और सीट बंटवारे के प्रस्तावों को इंडिया ब्लॉक में शुरू से ही खारिज कर दिया गया और तभी से हमने 2024 में राज्य में अकेले संसद चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था।”

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तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, “हम अपनी ताकत के दम पर बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और इंडिया ब्लॉक के साथ हमारा कोई रिश्ता नहीं है।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में कांग्रेस को दो सीटें देना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस और अधिक सीटें चाहती थी, जो तृणमूल को स्वीकार्य नहीं थी।

सुश्री बनर्जी ने कहा, “हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और हम पश्चिम बंगाल में अकेले भाजपा से लड़ेंगे तथा शेष भारत के लिए गठबंधन की स्थिति पर चुनाव खत्म होने के बाद चर्चा की जाएगी।”

उन्हाेंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की भी आलोचना की, जो गुरुवार को राज्य में प्रवेश करेगी। उन्होंने कहा, “उनका पश्चिम बंगाल आने का कार्यक्रम है, लेकिन उनमें इतना शिष्टाचार नहीं है कि हमें इस संबंध में सूचित करें, जबकि हम इस गुट में भागीदार हैं।”

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस को लगभग 300 सीटों पर उम्मीदवार उतारने और अन्य क्षेत्रीय दलों को उनकी ताकत वाले क्षेत्रों में लड़ने देने का सुझाव दिया है।

सुश्री बनर्जी ने मंगलवार को शिकायत की थी कि उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) इंडिया की बैठकों में शर्तें तय कर रही थी। उन्होंने एक बैठक में कहा, “जब भी हम ब्लॉक में बैठकें करते थे, तो माकपा केंद्र में आ जाती थी और बैठक का संचालन करने लगती थी, जो तृणमूल के लिए अस्वीकार्य था।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने जिस पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए 34 साल तक लड़ाई लड़ी, अब उस पार्टी के साथ बैठक करना बिल्कुल भी संभव नहीं है। माकपा ने पूरे समय मेरा बहुत अपमान किया है।” सुश्री बनर्जी ने 2011 के विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ माकपा नीत वाम मोर्चा को हराया था।
इससे पहले, बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस को केवल दो सीटें देने की पेशकश के लिए सुश्री बनर्जी की आलोचना की और उन्हें ‘अवसरवादी’ करार दिया। बहरामपुर सांसद ने कहा कि चुनाव उनकी दया पर नहीं लड़ा जाएगा। श्री चौधरी ने कहा, “तृणमूल नेता अवसरवादी हैं, वह 2011 में कांग्रेस की दया पर सत्ता में आई थीं।”
सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत के दौरान कांग्रेस ने कथित तौर पर छह-आठ सीटें मांगी थीं, जबकि तृणमूल नेतृत्व ने दो की पेशकश की थी।
पश्चिम बंगाल लोकसभा में 42 सदस्य भेजता है, जिनमें से दो सीटों बहरामपुर और मालदा दक्षिण पर कांग्रेस के सांसद हैं।

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