अयोध्या। राम जन्मभूमि के गर्भगृह में 22 जनवरी को आयोजित होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ऐतिहासिक एवं भव्य स्वरूप प्रदान करने की दिशा में योगी सरकार लगातार जुटी हुई है। इस ऐतिहासिक आयोजन की भव्यता एवं ऐतिहासिक पलों के साक्षी बनाने के लिए देश ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व प्रतीक्षा में है। इस आयोजन में देश-विदेश के अति विशिष्ट, विशिष्ट अतिथियों का आगमन प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस स्वर्णिम अवसर पर अयोध्या धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को उत्कृष्ट सुविधा प्रदान करने के लिए नगर निगम अयोध्या सतत प्रयास कर रहा है। इसके लिए नगर निगम अयोध्या की ओर से कार्य योजना तैयार की गई है।
महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि सड़कों, मार्गों नाले व नालियों को सुदृढ़ किया जा रहा है। 25 मार्गों के दुरुस्तीकरण का कार्य 2362.58 लाख की लागत से कराया जा रहा है। अयोध्या धाम परिक्रमा मार्ग के निकट स्थित 32 संपर्क मार्गों को मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना से आच्छादित करते हुए दुरुस्तीकरण का कार्य 1997.66 लाख की लागत से कराया जा रहा है।
अयोध्या धाम में जल भराव की समस्या के निदान एवं सम्यक जल निकासी के लिए 248.61 लाख की लागत से पांच नालों का निर्माण कराया जा रहा है। इसी क्रम में अयोध्या धाम में स्थित खुली नालियों को आरसीसी पिट कवर के माध्यम से ढकने का काम किया जा रहा है। जिस पर 1014.51 लाख की लागत आई है। नगर निगम पेयजल की व्यवस्था उत्कृष्ट सफाई की व्यवस्था अन्य आवश्यक सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं करने में लगा है।
संपूर्ण अयोध्या धाम को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए एक लाख झोले का वितरण किया जा रहा है। स्वच्छता जागरूकता के लिए विद्यालयों में सघन अभियान चलाया जाना है। जनमानस को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूक यात्रा अवधपुरी अति रुचि बनाई को चलाया जा रहा है। आम जन को घरों से निकलने वाले कूड़े को डोर टू डोर कलेक्शन के सफाई मित्र को दिए जाने के लिए प्रेरित करना, सामाजिक संगठन एवं व्यापारी संगठनों से जन संवाद स्थापित कर अयोध्या को स्वच्छ एवं पॉलीथिन मुक्त किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्कृष्ट सफाई के लिए अयोध्या को 10 सेक्टर में विभक्त किया गया है। 1500 अतिरिक्त सफाई मित्रों को नियोजित किया जा रहा है। अयोध्या धाम क्षेत्र में जन सुविधा की दृष्टिगत 1000 स्थाई टारगेट वह 500 अस्थाई टॉयलेट बनाए जा रहे हैं। पेयजल के लिए भी 22 स्थान पर वाटर किओस्क व 50 वाटर टैंक लगाए जा रहे हैं।