जो बीत गया वह अतीत है, जो आयेगा वह भविष्य है, जहां हम जी रहे हैं वह वर्तमान है, परन्तु भविष्य जब भी आयेगा वर्तमान बनकर आयेगा। जीना सदा वर्तमान में है। प्रत्येक मनुष्य को भविष्य जानने की उत्सुकता रहती है। वह सदा सुखद भविष्य की कामना भी करता है।
यदि हमने अपने वर्तमान को संवार लिया तो निश्चित ही भविष्य सुखद रहेगा। प्रत्येक मानव वर्तमान में जीते हुए भविष्य निर्माता की प्रक्रिया में रहता है, वह अतीत के सापेक्ष वर्तमान को बेहतर बनाने का यत्न भी करता है। प्रत्येक प्रबुद्ध व्यक्ति के मन में कमोवेश यही चलता रहता है।
यदि दिशा सही मिल जाती है तो हम वर्तमान के साथ भविष्य को भी सुखद बना लेते हैं। काल बोध की इस कड़ी को समझने की आवश्यकता है। यद्यपि अतीत पीछे छूट चुका है, परन्तु उसकी छाया वर्तमान पर भी है। वर्तमान में जीता हुआ हर व्यक्ति कहीं न कहीं उस क्षण से प्रभावित होता है।
कल 2023 था आज 2024 के सूरज ने दस्तक दी है। हम कामना करते हैं कि बीते वर्ष से वर्तमान का वर्ष हम सभी के लिए सुख सम्मान देने वाला हो, परन्तु उसके लिए हमें अपना दृष्टिकोण रचनात्मक बनाये रखना होगा। हम सच्चरित्रता, ईमानदारी और सत्पुरूषार्थ के साथ आगे बढे, हमारा सम्पूर्ण समाज आगे बढे और देश की उन्नति हो ताकि हम अपने गौरवशाली इतिहास की संरचना कर सके। आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।