मथुरा-उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि पर्वतीय राज्य में जल्द ही समान नागरिक आचार संहिता को लागू किया जाएगा।
साध्वी ऋतंभरा को वात्सल्य और ममता की प्रतिमूर्ति बताते हुए उन्होंने उनके दीर्घ जीवन की कामना की, साथ ही उपस्थित संत महात्माओं का भी आशीर्वाद लिया। उन्होने कहा कि समान नागरिक आचार संहिता कानून को लागू करने की तैयारी की जा रही है तथा इसे जल्दी ही विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा।
धामी ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा का व्यक्तित्व अद्भुत और कृतित्व अकल्पनीय है। उनकी वात्सल्य शक्ति से न जाने कितनी बच्चियों को प्रेरणा और नया जीवन मिला। उनसे सदैव वात्सल्य और ममता का सानिध्य प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा के स्नेह और आशीर्वाद से उन्हें व्यक्तिगत रूप से हमेशा लोगों की सेवा करने की शक्ति मिलती है। वे स्वयं उनसे सबसे पहले तब प्रभावित हुए थे जब उनके मुखारबिंदु से श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के समय प्रखर उद्बोधन सुना था। उनके ओजस्वी उद्बोधन ने लाखों लोगों को हृदय की गहराइयों तक प्रभावित किया था।
उन्होने कहा उत्तराखण्ड का मूल स्वरूप बनाए रखने की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं। रामभक्तों पर गोली चलाने वाले न तो राम मंदिर बना पाते, और ना ही धारा 370 अथवा तीन तलाक हटा पाते। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से ही वे भी बिना थके, बिना डिगे उत्तराखण्ड की जनता की सेवा कर रहे हैं। उत्तराखंड में विगत ढाई वर्षों में अनेक ऐसे महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए गये हैं, जो विगत 23 वर्षों में संभव नहीं हो पाये थे। एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया गया। प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर पांच हजार हेक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है।
श्री धामी ने कहा कि 22 जनवरी को करोड़ों देशवासियों का रामलला को उनकी जन्मस्थली पर विराजमान करने का संकल्प पूरा होने जा रहा है। आज जब रामलला अपने जन्मस्थान में विराजमान हो रहे हैं, तब भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इस समय सनातन संस्कृति का परचम चारों ओर लहरा रहा है। चाँद पर भारत का चंद्रयान उतर चुका है तथा सूर्य के चारों ओर आदित्य एल वन चक्कर लगा रहा है। आज पूरा विश्व भारत की बात कर रहा है। सनातन का भगवा ध्वज चारों ओर फिर से लहरा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन प्रदान करने में सक्षम रहा हैं। सफलतम जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करने के बाद भारत के नेतृत्व का लोहा सारे विश्व के नेता मान रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश पहली बार गुलामी की मानसिकता से बाहर आने में सफल हुआ है। आज काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कॉरिडोर का बनना, उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का बनना, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण होना, केदारनाथ तथा हेमकुन्ड साहिब के लिये रोपवे का निर्माण बनना जैसे कार्य इस बात का प्रतीक हंै कि आज संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन हो रहा है।