वाराणसी। मकर संक्रांति पर्व पर रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने कोहरे और सर्द हवाओं के बीच गंगा मईया में आस्था की डुबकी लगाई और दानपुण्य किया।
स्नान ध्यान के बाद लोगों ने काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में भी हाजिरी लगाई। हालांकि मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। इसके बावजूद परंपरागत रूप से हजारों लोग मकर संक्रांति पर्व रविवार को ही मना रहे है। श्रद्धालु भोर से ही ठंड और कोहरे के बीच गंगा में स्नान करने के लिए घाटों पर पहुंचने लगे। अस्सी से भैंसासुर घाट तक गंगा में स्नान करने वालों की भीड़ रही। भीड़ का मुख्य केंद्र दशाश्वमेध घाट रहा। दशाश्वमेध से सटे प्रयाग घाट पर माघ स्नान का पुण्य मिलता है, इस विश्वास के साथ लोगों ने प्रयाग घाट पर स्नान किया।
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने उड़द,काला तिल,तेल,काले वस्त्र,लोहा, काली खड़ाऊं,काला छाता,चने की दाल,पीला-लाल,काला एवं हरा वस्त्र, हल्दी,पीला फूल-फल,लाल चंदन,गेहूं,गुड़,तांबा,मसूर,घी आदि दान किए। अस्सी और भैंसासुर घाटों पर स्नान व दान के लिए कतार लगी रही। गंगास्नान के बाद बाबा के दरबार में दर्शन पूजन करने वालों की भीड़ लगी रही। इससे पूरा गोदौलिया दशाश्वमेध क्षेत्र श्रद्धालुओं से पटा रहा। बाबा विश्वनाथ मंदिर तक लंबी कतार लगी रही।
गौरतलब हो कि मकर संक्रांति पर्व इस बार 15 जनवरी सोमवार को उल्लास के साथ मनाया जाएगा। रविवार 14 जनवरी की देर रात 2:44 बजे सूर्यदेव धनु से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में यह त्योहार मकर संक्रांति उदया तिथि में 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा। पर्व इस बार खास व्यतिपात योग शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शतभिषा नक्षत्र में है।
ज्योतिषविदों के अनुसार मकर संक्रांति पर्व पर 77 सालों के बाद वरीयान योग और रवि योग का संयोग भी बन रहा है। इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान रहेंगे। लगभग पांच साल बाद मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में भगवान सूर्य के साथ महादेव का भी आशीर्वाद मिलेगा। मकर संक्रांति पर पुण्यकाल प्रातः 07:15 बजे से शाम 06: 21 बजे तक,महा पुण्यकाल-प्रातः 07:15 बजे से पूर्वाह्न 09:06 बजे तक है।