Thursday, December 26, 2024

अनन्या बनर्जी की टिप्पणी से नाराज मुख्यमंत्री, नगर निगम सत्र में नहीं बोलने देने का निर्देश

कोलकाता। नगर निगम बजट बहस के दौरान तृणमूल पार्षद अनन्या बनर्जी की एक टिप्पणी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ”नाराज” हैं। कोलकाता नगर निगम सूत्रों के मुताबिक मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने फिरहाद हकीम को इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि वार्ड नंबर 109 की पार्षद अनन्या को पूरे सत्र में बोलने का मौका नहीं मिले।

सोमवार को कोलकाता नगर पालिका की बजट बहस में हिस्सा लेते हुए अनन्या ने ईसाई समुदाय के प्रति कथित विवादित टिप्पणी कर दी थी। तृणमूल सुप्रीमो ममता को शाम को पार्टी पार्षद की टिप्पणी के बारे में पता चला। उन्होंने तुरंत मेयर को फोन किया। सूत्रों के मुताबिक, नाराज मुख्यमंत्री ने मेयर को अनन्या के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया।

इसके बाद मेयर फिरहाद ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, ”आज नगर परिषद में बजट भाषण में नगर प्रतिनिधि अनन्या बनर्जी की कुछ टिप्पणियों ने समाज के एक वर्ग को आहत किया है। मैं दृढ़तापूर्वक कहता हूं कि पार्टी उनके विचारों से सहमत नहीं है और पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है। सोमवार को अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के बाद अनन्या मंगलवार को सत्र में शामिल नहीं हुईं। नगर निगम सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद मेयर कार्यालय ने अनन्या को फोन कर बजट सत्र में नहीं आने का आदेश भेजा था। निर्देशानुसार वह मंगलवार को नगर पालिका के बजट सत्र में नहीं आईं।

हालांकि अभिनेत्री-पार्षद ने कहा, “मैंने देखा कि मेयर ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा है। मुझे नहीं पता कि क्या जवाब दूं। मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया। फिर भी मैं इस बारे में सोचूंगी।” उन्होंने आगे कहा कि मुझे बोलने की आजादी है। पार्टी की एक राय हो सकती है। मैंने कोई ग़लती नहीं की है। किसी को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं था।

हालांकि, तृणमूल के एक सूत्र ने कहा कि पार्षद होने के अलावा, अनन्या विभिन्न चैनलों में पार्टी के प्रवक्ता के रूप में भाग लेती थीं। उनके बयान से ईसाइयों की भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए उन्हें चैनल में जाने की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है।

तृणमूल कांग्रेस राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भाजपा पर एक सिख समुदाय के पुलिस अधिकारी को ”खालिस्तानी” कहने को लेकर लगातार हमलावर है। भारतीय जनता पार्टी दूसरे के विवादित टिप्पणी को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि अनन्या ने बैठे बिठाये भाजपा को एक मुद्दा दे दिया है। तृणमूल कांग्रेस के एक वर्ग में अन्य के खिलाफ गुस्सा भी है।

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