लखनऊ। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का चुनाव सम्पन्न हो चुका है और द्वितीय चरण के मतदान का समय करीब है, ऐसे में जहां सभी दल संगठन और कार्यकर्ताओं को मजबूत करने में जुट हैं तो वहीं बहुजन समाज पार्टी अपने नेताओं पर कार्यवाही कर चुनाव तैयारियों जुटा हुआ है। बसपा ने अनुशासनहीनता के चलते बरेली के जोनल कोऑर्डिनेटर, आंवला जिलाध्यक्ष पार्टी से निष्कासित करने की कार्यवाही की है। बसपा प्रमुख की इस कार्यवाही को लेकर पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों में खलबली है।
कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर बसपा के फर्जी सिंबल पर नामांकन कराने में सत्यवीर सिंह के विरुद्ध कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी लिख ली। प्राथमिकी में आंवला से सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी नीरज मौर्य को भी नामजद किया गया है। उन पर पूरे षडयंत्र में शामिल होने का आरोप है। बसपा से आंवला लोकसभा सीट प्रत्याशी आबिद अली के शिकायती पत्र पर पुलिस ने षडयंत्र रचने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, प्रयोग करने, धोखाधड़ी व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा में प्राथमिकी लिखी है।
आबिद अली के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आंवला लोकसभा सीट से उन्हें अधिकृत प्रत्याशी बनाया। आंवला लोकसभा सीट के रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय से पता चला कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में एक अन्य सत्यवीर सिंह ने भी नामांकन किया, जो शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थित मुहल्ला अंबेडकरनगर महाजनान के निवासी है।
पता चला कि आरोपित सत्यवीर ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके फार्म ए व बी सिंबल अथारिटी के रूप में अपने नामांकन पत्र के साथ लगाया है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इस संबंध में आंवला लोकसभा निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर स्थिति साफ की। बताया कि आबिद अली के अलावा उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति को फार्म ए व बी जारी नहीं किया। जिससे साफ हो गया कि आरोपित ने बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये कूटरचित दस्तावेज का प्रयोग किया। शिकायती पत्र में आबिद ने कोतवाली पुलिस को यह भी बताया कि गाड़ी संख्या यूपी 27 एआर 8742 का मालिक नरेंद्र ठेकेदार है जिसकी गाड़ी ड्राइवर अशोक मौर्य चला रहा था। संबंधित गाड़ी में ही सत्यवीर के नामांकन से संबंधित फर्जी प्रपत्र व दस्तावेजों की फाइल श्यामलाल लिए हुए बैठा था।
कोतवाली पुलिस ने शनिवार को जब गाड़ी पकड़ी तब अशोक मौर्य ने बताया कि नरेंद्र कुमार सपा के आंवला लोकसभा प्रत्याशी नीरज मौर्य के करीबी हैं। उन्होंने ही श्यामलाल को लेने भेजा है जिससे साफ है कि पूरे प्रकरण में नीरज मौर्य भी मिले हुए हैं।
सपा-कांग्रेस गठबंधन आंवला लोकसभा सीट से प्रत्याशी नीरज मौर्य से इस संबंध में बात की गई। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण से उनका कोई लेना-देना नहीं है। किसी को भी सिंबल संंबंधित पार्टी देती है। ऐसे में यह संबंधित पार्टी की जांच का विषय है। क्षेत्र में जनता के बीच बढ़ती लोकप्रियता के चलते मानसिक उत्पीड़न के उद्देश्य से यह प्राथमिकी लिखाई गई है। लोकतंत्र में जनता मालिक है, वोट के जरिये वह विपक्षियों को सबक सिखाने का काम करेगी। पुलिस की जांच पर पूरा भरोसा है, जिसमें सब साफ हो जाएगा।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अपनी सख्ती के लिए जानी जाती है। लोकसभा चुनाव 2024 में बेहतर वापसी की राह देख रही पार्टी की परवाह न करते हुए उनकी चिर-परिचित कार्यशैली चुनाव प्रचार के दौरान में भी दिख रही है। उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में दूसरी बड़ी कार्यवाही बरेली कोऑर्डिनेटर और आंवला जिलाध्यक्ष पार्टी से निष्कासित कर की है।
दरअसल बरेली लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार छोटेलाल गंगवार के कागजात में पायी गई कमी के कारण जिला निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन निरस्त कर दिया। जबकि आंवला से दो बसपा प्रत्याशी होने की वजह से आबिद अली का पर्चा निरस्त कर दिया गया। दूसरे प्रत्याशी सत्यवीर सिंह के नामांकन की जांच चल रही है। बसपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी मानने से इनकार कर दिया है। इसलिए उनका भी नामांकन रद्द होना लगभग तय है। पार्टी ने इन दोनों सीटों पर हुई खामी को संगठन पदाधिकारियों की अनुशासनहिनता माना है। इसको देखते हुए हाईकमान ने बरेली के जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्मस्वरूप सागर पार्टी और बरेली जिलाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह को भी पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। चुनाव के बीच में इस तरह की कार्यवाही को लेकर पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सकते में हैं।