Friday, November 22, 2024

जनता के बीच जायें मंत्री,वीआईपी कल्चर से करें परहेज: योगी

लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को ‘संवाद, समन्वय और संवेदनशीलता’ का मंत्र देकर एक बार फिर से जनता के बीच भ्रमण के निर्देश दिए हैं।

शनिवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में उन्होंने कहा है कि सरकार जनता के लिए हैं, हमारे लिए जनहित सर्वोपरि है, ऐसे में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की समस्याओं, अपेक्षाओं और आवश्यकताओं का समाधान होना ही चाहिए। मंत्री फील्ड में जाएं, संवेदनशीलता के साथ जनता से संवाद करें और स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा शासन-प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए समस्याओं का समाधान कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के 10 वर्षों में जिस तरह उत्तर प्रदेश में विकास को रफ्तार मिली है, आने वाले पांच वर्षों में हम अनेक नए कीर्तिमान रचने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि सभी मंत्री केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाएं। डबल इंजन सरकार की नीतियों, निर्णयों और उनके सकारात्मक परिणाम से जनता को अवगत कराएं।

मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा “ मंत्री हों या कि अन्य जनप्रतिनिधि, सभी को वीआईपी कल्चर से परहेज करना होगा। हमारी कोई भी गतिविधि ऐसी न हो, जो वीआईपी संस्कृति को प्रदर्शित करती हो, इसके लिए सभी को सतर्क और सावधान रहना होगा।”

विभागीय कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक ट्रिलियन डालर इकॉनमी के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रही है। इसमें हर विभाग की जिम्मेदारी पहले से तय है। यह मंत्रियों की जिम्मेदारी है कि वह लक्ष्य के अनुरूप प्रगति की समीक्षा करें, जहां गड़बड़ी हो तत्काल सुधार कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही समाप्त होने वाली है। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आवंटन और व्यय में तेजी की अपेक्षा है। विभाग स्तर भी पर खर्च की समीक्षा भी जाए। संबंधित मंत्री अपने विभागीय स्थिति की समीक्षा करें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। विभागीय मंत्री स्वयं केंद्र सरकार के मंत्रियों से संवाद करें। केन्द्रांश के अभाव में परियोजना बाधित न रखें। नियमानुसार राज्यांश जारी कर कार्य जारी रखा जाए। सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजना सुनिश्चित करें।

जनसुनवाई को वरीयता देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि और प्रदेश की उन्नति है। आम जन की शिकायतों/समस्याओं के सहज समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन) अत्यंत उपयोगी माध्यम है।

यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य को उत्तम प्रदेश बनाने और गुड गवर्नेंस पर चर्चा की। सभी मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारी का निर्वाह करने, प्रभार जनपदों और क्षेत्र पर ध्यान देने को कहा गया। विभाग में अच्छा प्रदर्शन करने के निर्देश दिए गए हैं।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज सभी मंत्रियों के साथ बैठक की उसमें उनके विभाग में चल रही योजनाओं की क्या स्थिति है, इस पर रिपोर्ट मांगी। दो माह आचार संहिता के कारण रुके कामों को कैसे तेज गति प्रदान की जाए, इस पर भी चर्चा हुई। यह जो टाइम खराब हुआ है, उसे कैसे रिकवर करना है, इस पर भी चर्चा हुई है। इसे रूटीन बैठक कह सकते हैं। जयवीर सिंह ने कहा कि अब हम अपने विभाग की समीक्षा करेंगे इसके लिए बैठक बुलाएंगे। सारे रुके हुए काम तेजी से शुरू होंगे।

अल्पसंख्यक राज्य मंत्री दानिश आजाद ने बताया कि जनता से जुड़े मुद्दे बिना देरी के सुलझाए जाएं, जनसुनवाई करें। जनता की हर शिकायत का निस्तारण करें। आचार संहिता के कारण रुके कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनने पर उन्हें बधाई दी गई। घोसी सीट पर मिली हार का कारण उन्होंने सपा और कांग्रेस के संविधान को लेकर झूठ फैलाना बताया। विपक्ष सिर्फ अफवाह फैला रहा है।तीसरी बार एनडीए की सरकार न सिर्फ बनने जा रही है, बल्कि और अच्छी तरह से चलेगी।

मंत्री संजय निषाद ने कहा, नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं। इससे देश में खुशी की लहर है। लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन पर कहां चूक हुई, उस पर चर्चा कर सुधार किया जाएगा। ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री तेजी से काम में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से लौटते ही अधिकारियों के साथ बैठक की थी। कानून व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए थे। इसके पहले उन्होंने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के साथ समीक्षा बैठक की थी। उन्हें विभाग में खाली पड़े पदों पर भर्ती करने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया था।

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