गाजियाबाद। दस साल से चल रही इंदिरापुरम निगम को सौंपने की प्रक्रिया अब जुलाई 2024 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा विकसित इंदिरापुरम कॉलोनी करीब 1,200 एकड़ क्षेत्र में फैली है। इंदिरापुरम कॉलोनी को गाजियाबाद नगर निगम को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया एक दशक से चल रही है। जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि इंदिरापुरम कॉलोनी को निगम को सौंपने में काफी समय लग गया। यह प्रक्रिया जुलाई 2024 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। लेकिन पैसों की कमी के कारण काम पिछड़ता चला गया। अनुमान है कि जीडीए को इंदिरापुरम में नागरिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए निगम को 150-200 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ सकता है।
वर्ष 1980 के दशक में विकसित कॉलोनी
वर्ष 1980 के दशक में विकसित कॉलोनी के हस्तांतरण के लिए कई बार विचार-विमर्श किया गया। लेकिन धन के मुद्दे पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। निगम का कहना है कि उसे इंदिरापुरम में बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए धन की जरूरत है। इससे पहले मई 2023 में जीडीए ने 15 अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई थी। जिसका काम टाउनशिप में लंबित बुनियादी ढांचे के कामों का आकलन करना था।
150-200 करोड़ रुपए की राशि शामिल होगी
जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि सीवेज सिस्टम के आंकलन को छोड़कर बाकी सब काम पूरा हो चुका है। अंतिम निर्णय से पहले इस महीने जीडीए और निगम प्रमुखों की बैठक होगी। सीवेज के उन्नयन के लिए विस्तृत मूल्यांकन की आवश्यकता है। इसके बाद प्रस्ताव को जीडीए बोर्ड के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उम्मीद है कि बोर्ड द्वारा मंजूरी मिलने के बाद जुलाई के अंत तक हैंडओवर पर अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा। अधिकारियों का अनुमान है कि इंदिरापुरम के नागरिक बुनियादी ढांचे के उन्नयन में 150-200 करोड़ रुपए की राशि शामिल हो सकती है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि सड़कों, स्ट्रीट लाइटों, सफाई, बागवानी का मूल्यांकन पूरा हो गया है। अंतिम आंकड़ों पर पहुंचने के लिए धन का अंतिम मूल्यांकन किया जा रहा है।