नई दिल्ली। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में बुधवार को 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगी। इसमें भारती एयरटेल सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उभरी है। सरकार की ओर से किए जा रहे 96,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी में सबसे ज्यादा मांग 900 मेगाहर्ट्ज और 1800 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की रही। टेलीकॉम एनालिस्ट पराग कर के मुताबिक 900 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम के लिए 6,985 करोड़ रुपये की बोली लगी है और वहीं 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए 3,579 करोड़ रुपये की बोली लगी है।
पराग कर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि 2,100 मेगाहर्ट्ज में भारती एयरटेल द्वारा 545 करोड़ रुपये की एकमात्र बोली लगाई गई है। वहीं, वोडाफोन आइडिया (वीआई) 2500 मेगाहर्ट्ज में बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी थी। टेलीकॉम डिपार्टमेंट द्वारा इस नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज के बैंड नीलामी के लिए रखे गए थे।
इस नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो ने भाग लिया। एनालिस्ट का कहना है कि स्पेक्ट्रम की ये नीलामी देश में 5जी कवरेज को तेजी से बढ़ाने में मदद करेगी। इससे सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5जी यूजर्स की संख्या 2029 के अंत तक 84 करोड़ के करीब पहुंच सकती है, जो कि कुल मोबाइल सब्सक्राइबर की संख्या का 65 प्रतिशत होगा। इससे पहले 2022 में 1.5 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी।