शामली : अंजुमन गुलसितान ए उर्दू अदब की ओर से गत रात्रि कैराना नगर के मौहल्ला अफगानान स्थिति निकट पठानों वाली मस्जिद भाजपा नेता शराफ़त खांन के निवास पर एक शानदार शेरी नशसित का आयोजन किया गया, नशसित का शुभारंभ फ़ीता काटकर अय्यूब खान पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी ने किया गया।
महफ़िल की अध्यक्षता हाजी अकबर अंसारी ने की तथा संचालन मास्टर अतीक शाद ने किया। महफ़िल की शमा रोशन संयुक्त रूप से सलीम फ़ारुकी, दीपक कश्यप,शबाब कैरानवी,नवेद अहमद,फ़िरोज़ खान, आशिक कैरानवी, हाशिम शैदा कससारी, हाजी शकील अहमद ने की, वहीं शेरी नशसित का शुभारंभ कारी मुदस्सिर व कारी मुज़म्मिल ने कुरआन ए पाक की तिलावत से किया गया। नशसित में पढ़े गये चुनिंदा शेर आपकी की खिदमत में पेश हैं।डाक्टर शबाब कैरानवी ने कहा बुगज़ो हसद निकलते नहीं हैं दोस्तों, जब के नमाज़ पढ़ता हूं पांचों ही वक्त की।
महफ़िल के रुह रवां शायर सलीम अख्तर फ़ारुकी ने अपना शेर कुछ यूं पढ़ा, जहां उसूल सियासत में ढल गये हो वहां, हर इक बात खिलाफ़े उसूल होती है। उभरते हुए शायर अब्दुल्ला सादिक ने अपना शेर कुछ यूं पढ़ा, जो ना देखा था कभी हमने वो मंज़र देखा, कत्ल इंसाफ़ का होते हुए रहबर देखा। शेरी नशसित के सरपरस्त मुआलिम जनाब वसी हैदर साकी ने कहा, उर्दू हिन्दी तो हैं भारत की ज़बाने दोनों, लोग भाषाओं के चक्कर में बिखर जायेंगे।अंत में नशसित के कंवीनर नवेद अहमद ने सभी शायरों व श्रोताओं का शुक्रिया अदा किया।
नशसित में एक कवि दीपक कश्यप ने भी अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया और वाह वाही बटोरी। वहीं अंजुमन गुलसितान ए उर्दू अदब के सभी सदस्यों ने शिरकत की तथा अगले माह होने वाली नसिशत का ऐलान किया जो कि 1 अगस्त को होगी। नशसित रात्रि 9 से रात्रि 2 बजे तक बुंलदियों को छूते हुए चली।