बरेली। मौलाना तौकीर रजा ने हिंदू लड़के लड़कियों का धर्म परिवर्तन और कलमा पढ़वाए जाने वाले बयान के बाद फिर जहर उगल दिया है। इस मामले में उन्होंने गुरुवार को फिर से नया खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मैंने जो बयान दिया था, उसे गलत अंदाज में पेश किया गया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का निकाह किया जाएगा, उनका धर्म परिवर्तन पहले ही हो चुका है। लेकिन निकाह नहीं हुआ था, वे लोग लिव-इन में रह रहे हैं। लिव-इन में रहना दोनों समुदाय में खराब समझा जाता है। मुस्लिम समुदाय में तो बिल्कुल हराम समझा जाता है।
ऐसे लिव-इन में रहने वाले लोगों का 21 जुलाई को निकाह करवाया जाएगा। तौकीर रजा ने कहा कि निकाह करवाने के लिए हमने अनुमति मांगी हुई है। फिलहाल हमें अनुमति नहीं मिली है। लेकिन मैं मानता हूं कि सामूहिक विवाह होता रहा है। फिर भी मुझे अनुमति देने में ये लोग क्यों कतरा रहे हैं। रात में मेरे लोगों को बुलाकर दबाव बनाया गया, झूठे वादे कर लिखवाया गया कि कार्यक्रम स्थगित किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि मैं जिस तारीख का ऐलान है उसी दिन कार्यक्रम किया जाएगा।
अगर मुझे अनुमति नहीं मिल रही है तो मुझे पूछने का अधिकार है कि अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। बाकी लोग बिना अनुमति के कार्यक्रम करा सकते हैं, किसी का भी धर्म परिवर्तन करा सकते हैं। क्या उनके लिए कोई कानून नहीं है? उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ने दो तरह के कानून चल रहे हैं। एक कानून में मुस्लिमों का उत्पीड़न किया जाता है, दूसरे कानून में गैर-मुस्लिमों को खुली छूट दी जाती है। गैर-मुस्लिम लोग कानून अपने हाथ में ले सकते हैं और कोई भी हराम का काम कर सकते हैं।
अगर मेरा कार्यक्रम 21 जुलाई को नहीं होता है तो जिला प्रशासन को अनुमति न देने का कारण बताना होगा। उन्होंने आगे कहा कि यहां तो डीएम पर दबाव बनाया जा रहा है। मंदिर में बैठकर उन्होंने पिछले दिनों शादी प्रमाणपत्र जारी किया था। डीएम को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। एक मामूली अनुमति मांगने पर इतना हंगामा किया जा रहा है। मैं कोई धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम नहीं कर रहा हूं। मैं बस निकाह करवाने का कार्यक्रम करवाने जा रहा हूं।