Monday, April 28, 2025

ध्यान आनंद व शांति का सर्वोच्च मंत्र है ॐ, बिना जीभ का इंसान भी ॐ बोल सकता है- पद्मश्री भारत भूषण

सहारनपुर। मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योगाश्रम में गुरुपूर्णिमा कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए योगगुरु स्वामी भारत भूषण ने एकाक्षर ब्रह्म ॐ ध्यान आनंद और शांति का सर्वोच्च मंत्र बताते हुए कहा कि योग में गुरु द्वारा सिखाया गया ॐ का अलग- अलग फ्रीक्वेंसी पर उच्चारण सर्वोच्च, सहज और ध्यान की गहराई पाने के लिए सबसे अनुकूल ध्वनि तरंगें पैदा करता है जिसके फायदों का कोई विकल्प नहीं हो सकता इसी कारण आज पाश्चात्य देशों के साथ चीन और पाकिस्तान जैसे देशों में भी भारत योग के इस वैज्ञानिक स्वरूप की लोकप्रियता बढ़ रही है और वहां के लोग मोक्षायतन योग संस्थान से योग की पढ़ाई पढ़कर भारत योग शिक्षक बन रहे हैं।
उन्होंने बताया की ॐ के उच्चारण में रक्त के प्रवाह को सामान्य बनाए रखने वाली औषधि एस्प्रिन और मन मस्तिष्क को राहत देने वाली ट्रेंक्वलाइजर औषधि वाला असर पैदा करने की क्षमता है। ये उच्चारण मानसिक शांति के साथ-साथ मस्तिष्क को क्लॉट्स से बचाने और प्रवाहिकाओं को शुद्धि व मजबूती देने में सक्षम है। ॐ का नियमित जाप दिमागी तंतुओं को सुखद व्यायाम देकर उनके ह्रास को रोकने और तंतुओं की जल्द मरम्मत करने में बेहद कारगर है। इसके अलावा फेफड़े, हृदय, स्नोफिल्स और नेसल मेंब्रेन की शुद्धि के साथ-साथ थायरायड ग्रंथि को स्वस्थ व संतुलित बनाए रखने में ॐ उच्चारण व ध्यान की बड़ी उपयोगिता है।
योग गुरु भारत भूषण ने बताया कि ॐ ध्वनि का लाभ लेने से किसी साधक की धार्मिक आस्था को हानि नहीं होती। अपनी आस्थाओं के अनुसार अल्लाह गॉड खुदा आदि शब्द बोलकर योगाभ्यास शुरू करना अनुचित नहीं, बल्कि ऐसा करने से उनके विश्वास व उनकी योग साधना को बल मिलेगा लेकिन इन्हें ओंकार ध्वनि के विकल्प रूप में नहीं लिया जा सकता। मेरी आस्था इतनी कमजोर नहीं कि अल्लाह या गॉड कहने से टूट जाए ऐसे ही किसी की भी धार्मिक आस्था ॐ बोलने से भला कैसे टूट सकती है। योग हर आस्था के व्यक्ति को स्वधर्म आचरण करने की ही प्रेरणा देता है। योग गुरु भारत भूषण ने कहा कि ये अनुभूत सत्य है कि योगाभ्यास में ॐ के अलावा कुछ भी उच्चारण करना ॐ जैसा सहज, प्रभावशाली तथा राहत व शांति दायक नहीं होगा क्योंकि अन्य शब्दों को बोलने में ओंठ और जिव्हा का उपयोग होने से ध्वनि तरंगों का प्रवाह व ध्यान बाधित होता है।
योग तो सबके लिए है इसीलिए सार्वभौम ॐ ध्वनि को इसमें शामिल किया गया क्योंकि ये सर्वोच्च ध्वनि है और एक ऐसा इंसान भी ॐ बोल सकता है जिसके पास जीभ भी नहीं है, सभी इससे लाभान्वित होने के अधिकारी हैं। अधिष्ठाता एन के शर्मा ने बताया कि गुरुपूर्णिमा का मुख्य आयोजन बेरी बाग स्थित मोक्षायतन योगाश्रम मुख्यालय पर २१ जुलाई को  प्रात: ९ से ११ बजे होगा।
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