इटावा। जनपद में जिला सहकारी बैंक इटावा में चौबीस करोड़ रुपये से अधिक के गबन का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया है। जांच कमेटी की छानबीन में इस गबन का खुलासा हुआ है। इस मामले में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक समेत दस बैंक कर्मियों के खिलाफ थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पुलिस ने कराेड़ाें के गबन मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।
जिला सहकारी बैंक के सचिव मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक गुप्ता ने बताया कि एक शिकायत के बाद जिला सहकारी बैंक इटावा में गबन मामले में दो कर्मियों को निलंबित कर एक जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की जांच रिपोर्ट में चौबीस करोड़ रुपये का गबन होने की जानकारी मिली। जिसके बाद गबन करने वाले वरिष्ठ शाखा प्रबंधक समेत दस कर्मियों के खिलाफ थाना कोतवाली में गबन के आरोप में मुकदमा लिखवाया गया है। मामले की जांच अभी चल रही है पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि थाना कोतवाली में जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक उमेश कुमार एवं वरिष्ठ शाखा प्रबंधक राजीव त्रिपाठी की लिखित तहरीर के आधार पर दस नामजद व्यक्तियों द्वारा जिला सहकारी बैंक में चौबीस करोड़ नब्बे लाख रुपये गबन की सूचना दी गई थी।
इस पर जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक की सूचना के आधार पर पुलिस ने आराेपिताें के खिलाफ थाना कोतवाली में धारा 420, 467, 468, 471, 409 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इस प्रकरण में पुलिस की टीम ने दो आरोपी नफीसुल जैदी उर्फ गुड्डू पुत्र शमसुल हसन जैदी निवासी घटिया अजमत अली थाना कोतवाली जनपद इटावा और अतुल प्रताप सिंह पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह निवासी चौगुर्जी थाना कोतवाली जनपद इटावा को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने बताया कि जिला सहकारी बैंक की जांच कमेटी के द्वारा जांच में छह साल के अंदर चौबीस करोड़ नब्बे लाख रुपये का गबन करने का खुलासा हुआ है। इतना बड़ा गबन बिना वरिष्ठ शाखा प्रबंधक की मिली भगत से संभव नहीं है। अन्य आराेपिताें की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगी हुई हैं।