नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें आईटी नियम 2021 के तहत डीपफेक, गलत जानकारी और दुष्प्रचार रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सरकार इस बात से अवगत है कि एआई को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए एक सीमा बनानी होगी।
आईटी नियम 2021 सोशल मीडिया इंटरमीडिएरी और प्लेटफार्म की इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए रखने के लिए जवाबदेही तय करता है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर सोशल मीडिया इंटरमीडिएरी और प्लेटफार्म ऐसा करने में असमर्थ होते हैं तो आईटी नियम 2021 में उन पर कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 को भी पिछले वर्ष ही पारित किया गया है। इसमें डिजिटल पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए डेटा को मैनेज करने वाली कंपनियों की जवाबदेही तय की गई है।
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 में नियमों की अनदेखी करने वाली कंपनियों के लिए 50 करोड़ रुपये से लेकर 250 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रहै, जिससे नागरिकों के डेटा को सुरक्षित रखते हुए डिजिटल मार्केट को आगे बढ़ाया जा सके। यह बिल भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा के प्रोसेसिंग, ऑनलाइन और ऑफलाइन एकत्रीकरण और डिजिटाइजेशन को लेकर है। यह बिल देश के बाहर हुई डेटा प्रोसेसिंग पर भी लागू होता है अगर वस्तुएं और सेवाएं भारत में ऑफर की जा रही हैं।