गांधीनगर। गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) की जूनियर क्लर्क प्रतियोगी लिखित परीक्षा रविवार को पेपर लीक होने के बाद रद्द कर दी गई। इसके बाद एटीएस ने 15 संदिग्धों को पकड़ा। जूनियर क्लर्क के 1,150 पदों के लिए कुल 9,53,000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। राज्य भर में 2,995 केंद्रों पर परीक्षा होनी थी, जिसके लिए 70,000 परीक्षा स्टाफ और 7,500 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।
आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) गुजरात ने पेपर लीक में कथित संलिप्तता के लिए 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ संदिग्ध वडोदरा के हैं, और मुख्य साजिशकर्ता या मुख्य आरोपी को ओडिशा प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक में शामिल माना जाता है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक रैकेट में शामिल और संदिग्धों को पकड़ने के लिए पुलिस की पांच टीमों को तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और दिल्ली भेजा गया है।
पेपर लीक होने के बाद रविवार की सुबह जीपीएसएसबी सचिव ने एक बयान के माध्यम से परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की।
परीक्षाओं को रद्द होने से नाराज उम्मीदवारों के एक समूह ने लुनावाड़ा एसटी डिपो पर धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
एक परीक्षार्थी अजय ने कहा कि वह रात में सफर कर लगभग 2 बजे पहुंचा और फिर पता चला कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। यह सरकार की नाकामी है जिसका खामियाजा मुझ जैसे उम्मीदवारों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले दो वर्षों से मैं इस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने पेपर लीक होने की निंदा की और रैकेट में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को परीक्षा आयोजित करने में विफलता के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।