मेरठ। पूर्व कैबिनेट मंत्री व रालोद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मैराजुद्दीन अहमद ने आज राष्ट्रीय लोकदल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को भेजा है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि पार्टी ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है या नहीं। सूत्रों की मानें तो जयंत और पार्टी के कुछ बड़े नेता उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं डॉ. मैराजुद्दीन अहमद के नजदीकी लोगो की मानें तो मुस्लिमों की पार्टी में अनदेखी व देश में किसानों, गरीबों, मज़दूरों, दलितों, महिलाओं सहित मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार से पूर्व मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन अहमद पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। बहरहाल, डॉ. मैराजुद्दीन अहमद के इस्तीफे से पश्चिम में सियासी हलचल तेज़ हो गई है।
हालांकि अभी तक डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने अपने अगले कदम के बारे में कुछ घोषणा नहीं की है। अल्पसंख्यक जिसमें ख़ासकर मुसलमानों पर बड़ी पकड़ रखने वाले डॉ. मैराजुद्दीन अहमद के इस्तीफे से राष्ट्रीय लोकदल को तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि डॉ. मैराजुद्दीन अहमद चौधरी अजीत सिंह के बेहद करीबी माने जाते है और उत्तर प्रदेश में कद्दावर सेकुलर नेता के रूप में उनकी छवि है। डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। अगले कदम के बारे में पूछने पर डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने कहा कि अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।
इसके लिए जल्दी ही अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाउंगा,जिसमें सबसे से सलाह मशविरा करने के बाद ही अपने अगले कदम के बारे में घोषणा करुंगा। बता दें कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी का बीजेपी के साथ आने उनकी पार्टी के कई नेताओं को रास नहीं आया। नई सरकार में जयंत चौधरी मंत्री बन चुके हैं। लेकिन पार्टी में नाराज नेताओं की बगावत का सिलसिला जो कि राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने पार्टी के इस्तीफे से शुरु हुआ था,थमने का नाम नहीं रहा है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में कुछ और नाराज नेता आरएलडी छोड़कर किसी और पार्टी में जा सकते हैं।