संयुक्त राष्ट्र। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के साथ चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से दूसरे शांति शिखर सम्मेलन के आयोजन में शामिल होने के लिए भारत सहित कई देशों को निमंत्रण दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में बोलते हुए, ज़ेलेंस्की ने रूस के युद्ध को रोकने और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
ज़ेलेंस्की ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि अगर हम ईमानदारी से स्थिति को देखें और वास्तव में रूस के युद्ध को रोकना चाहते हैं तो क्या करने की आवश्यकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया को अनावश्यक रूप से गुटों या क्षेत्रीय समूहों में विभाजित किए बिना, एकता के साथ मिलकर काम करें।” प्रमुख वैश्विक खिलाड़ियों को आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा, “हमें युद्ध को समाप्त करने के लिए दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी करनी होगी। सभी एक साथ। मैं आप सभी को, सभी प्रमुख देशों को, इस प्रक्रिया में हमारे साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। वे सभी जो वास्तव में संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करते हैं। हम चीन और ब्राजील को आमंत्रित करते हैं, और मैंने पहले ही भारत को आमंत्रित किया है।
हम अफ्रीकी देशों, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व, मध्य एशिया, यूरोप, प्रशांत देशों और उत्तरी अमेरिका के साथ काम कर रहे हैं। सभी बिना किसी अपवाद के शांति के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।” जेलेंस्की ने शांति प्राप्त करने में अपने विश्वास को दोहराया, उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारे पास शांति सूत्र है, हमारे पास संयुक्त राष्ट्र चार्टर है, और हमारे पास इसे साकार करने की ताकत है। जो आवश्यक है वह दृढ़ संकल्प है।” उनकी यह टिप्पणी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक के बाद आई है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दोनों नेताओं के बीच तीसरी द्विपक्षीय बैठक में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और चल रही शांति प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक के बाद, ज़ेलेंस्की ने उत्पादक बातचीत के लिए आभार व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा, “हमारी बातचीत का मुख्य फोकस अंतर्राष्ट्रीय मंचों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और जी20 में हमारी बातचीत को बढ़ाने के साथ-साथ शांति सूत्र को लागू करने और दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी पर था। हमने उपलब्ध अवसरों पर एक ठोस चर्चा की।” यूक्रेन संघर्ष पर भारत के कूटनीतिक रुख को रेखांकित करते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी के हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के स्पष्ट समर्थन के लिए आभारी हूं।” बता दें कि अपनी चर्चाओं के दौरान, पीएम मोदी ने कूटनीति और बातचीत के माध्यम से युद्ध को हल करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। भारत ने संघर्ष पर एक तटस्थ रुख बनाए रखा है, शांतिपूर्ण वार्ता की वकालत की है।
दूसरे शांति शिखर सम्मेलन में युद्ध को समाप्त करने और यूक्रेन में स्थिरता बहाल करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए प्रमुख देशों और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाने की उम्मीद है। जून में, भारत ने स्विट्जरलैंड में ल्यूसर्न के पास बर्गनस्टॉक में आयोजित दो दिवसीय ‘यूक्रेन में शांति पर शिखर सम्मेलन’ से निकलने वाले “संयुक्त विज्ञप्ति या किसी अन्य दस्तावेज़ से जुड़ने से बचने” का फैसला किया था। वहीं भारत के अलावा, सऊदी अरब, थाईलैंड, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, आर्मेनिया, लीबिया, इंडोनेशिया, बहरीन, कोलंबिया और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई अन्य देशों ने भी शांति शिखर सम्मेलन की अंतिम विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया।
विदेश मंत्रालय (एमईए) में सचिव पश्चिम पवन कपूर ने कहा, “इस शिखर सम्मेलन में हमारी भागीदारी और सभी हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए आगे का रास्ता खोजने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों और विकल्पों को समझने के उद्देश्य से है।” रूस में भारत के पूर्व राजदूत कपूर ने कहा, “हमारे विचार में, केवल वे विकल्प ही स्थायी शांति की ओर ले जा सकते हैं जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों।”