नोएडा। 14 अक्टूबर से लगभग 164 गांवों के किसान जिला मुख्यालय ग्रेटर नोएडा पर अपनी मांगों को लेकर धरना देंगे। किसान संगठनों का कहना है कि यह धरना अब तक के किसानों के धरने से सबसे बड़ा होगा। इस धरने की कमान जनपद गौतमबुद्व नगर के तीन किसान संगठन संभालेंगे। किसान संगठनों का कहना है कि वे 14 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट में पक्का मोर्चा लगाकर रात दिन का धरना देंगे। जब तक मांगे पूरी नहीं होगी धरना जारी रहेगा।
किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर ग्र्रेटर नोएडा स्थित जिला मुख्यालय पर 14 अक्टूबर से आयोजित होने वाले अनिश्चितकालीन धरने को लेकर जनपद गौतमबुद्व नगर के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान परिषद के जिलाध्यक्ष सुखबीर खलीफा, अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष डा. रुपेश वर्मा तथा जय जवान जय किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भाटी उर्फ सुनील फौजी के नेतृत्व में किसानों का गांवों में जनसंपर्क अभियान जारी है। गांवों में किसानों को संगठित करने तथा 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने में शामिल होने के लिए अपील की जा रही है। गांव-गांव में जन चेतना यात्रा निकाली जा रही है।
भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा तथा जय जवान जय किसान मोर्चा के जिलाध्यक्षों का कहना है कि अब तक शासन-प्रशासन ने किसानों की समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। केवल आश्वासन दिया जा रहा है। किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए बनी हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है। उसे भी नजर अंदाज किया जा रहा है।
डॉक्टर रुपेश वर्मा ने बताया कि 14 से शुरू होने वाले आंदोलन के लिए आज हैबतपुर, रोजा याकूबपुर, ईटेडा, छोटी मिलक, पतवारी खैरपुर में जन चेतना यात्रा निकाली गई। जन चेतना यात्रा में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान नुक्कड़ सभाएं भी आयोजित की गई। नुक्कड़ सभाओं में कहा गया कि आंदोलन अपने तीसरे और अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। 14 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट में पक्का मोर्चा लगाकर रात-दिन का धरना प्रदर्शन किया जाएगा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से प्रभावित गांवों के किसान व ग्रामीण इस महापड़ाव में हिस्सा लेंगे।
हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की जाएगी। रिपोर्ट की कॉपी मिलने पर रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। जन चेतना यात्रा के संयोजक शिशांत भाटी ने कहा कि जन चेतना यात्रा हर गांव में डोर टू डोर संपर्क कर निकाली जा रही है। हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए आश्वासन दे रहे हैं। लड़ाई आर-पार की है। 10 परसेंट का प्लाट, नए कानून को लागू करने, आबादियों के बीच बैक और भूमिहीनों की दुकानों के आवंटन कराकर ही आंदोलन खत्म होगा।
मोनू मुखिया ने कहा कि क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों में कोई दम नहीं बचा है। मुद्दे हल करना तो दूर सरकार ने किसानों से संबंधित हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट की कॉपी भी उन्हें नहीं दी है। आज जन चेतना यात्रा के दौरान बुधपाल यादव, पदम सिंह यादव, राजे सिंह यादव, सुरेश यादव, गबरी मुखिया, सूल यादव, मुकुल यादव, सुशील, प्रधान चंद्रमल, संदीप भाटी, यतेंद्र भाटी, बच्चन भाटी, मोनू मुखिया, दिनेश यादव, संजय यादव, जोगिंदर प्रधान, यतेंद्र सुनपुरा, नरेश नागर, सतपाल खारी सहित अन्य किसान नेता शामिल रहें।