उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शनिवार को विजयादशमी (दशहरे) का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। परम्परा के मुताबिक शाम को नगर में भगवान महाकाल की सवारी निकाली गई। इस दौरान अवंतिकानाथ ने नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जाना। इसके बाद भगवान महाकाल की सवारी दशहरा मैदान पहुंची। यहां कलेक्टर ने सवारी का पूजन किया। इसके बाद रंग-बिरंगी आतिशबाजी की गई। इसके बाद रावण दहन किया गया।
भगवान महाकाल वैसे तो वर्ष में कई बार अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए पुराने शहर में नगर भ्रमण पर निकलते हैं, लेकिन विजयदशमी (दशहरे) पर भगवान महाकाल की सवारी वर्ष में एक बार नए शहर में भी आई। जहां भक्तों ने भगवान का ऐसा भव्य स्वागत अभिनंदन किया कि इस दौरान चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई। वर्षों से यह सवारी अपने परंपरागत मार्ग से होते हुए प्रत्येक वर्ष दशहरा मैदान पहुंचती है, जहां शमी के वृक्ष के पूजन अर्चन करने के बाद सवारी पुनः मंदिर की ओर लौट जाती है, लेकिन इस वर्ष सवारी के मार्ग में एक बड़ा बदलाव किया गया था।
दशहरे के अवसर पर भगवान महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से शाम चार बजे सभा मंडप में पूजन अर्चन के बाद नगर भ्रमण के लिए निकली। इस दौरान मंदिर के मुख्य द्वार पर सवारी को पुलिस के जवानों ने सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। इसके बाद सवारी महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मन्दिर, सराफा, सतीगेट, नई सड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुण्डा चौराहा से टॉवर के रास्ते शहीदपार्क, घास मंडी चौराहा, माधव नगर हॉस्पिटल, पुलिस कंट्रोल रूम, एल.आई.सी. ऑफिस, लीनन/रेमण्ड शो रूम के समीप वाली गली से दशहरा मैदान पहुंची। दशहरा मैदान पर शमी के वृक्ष का पूजन अर्चन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के द्वारा किया गया।
इसके बाद सवारी वापसी में दशहरा मैदान से श्रीगंगा होटल के समीप वाले मार्ग से देवास रोड के रास्ते, तीन बत्ती चौराहा, से माधव क्लब रोड होते हुए धन्नालाल की चाल से लोकनिर्माण विभाग कार्यालय के सम्मुख से फ्रीगंज ओवर ब्रिज के रास्ते संख्याराजे धर्मशाला, देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज चौराहा, इंदौर गेट, गदापुलिया, हरिफाटक ब्रिज, बेगमबाग से कोट मोहल्ला चौराहे के रास्ते पुनः श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंची। पूरे रास्ते भर सवारी के आगे हाथी, घोड़े, बैंड, पुलिस टुकड़ी और भजन मंडलियां चल रही थीं। इस दौरान भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा।
नए शहर में बाबा महाकाल की सवारी के आगमन पर सामाजिक संगठन व व्यापारियों के साथ ही बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा महाकाल की सवारी का भव्य से भव्य स्वागत किया। यहां लगभग 200 से 300 मंचों से बाबा महाकाल की सवारी का स्वागत कर और प्रसादी का वितरण भी किया गया।