नॉएडा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नॉएडा के सेक्टर-16 स्थित कार्यालय के मुख्य अभियंता पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस वायरल वीडियो में एक ठेकेदार घूस देने के बाद भी कनेक्शन नहीं मिलने की बात कह रहा है। जिससे नाराज़ हो कर मुख्य अभियंता ठेकेदार को कार्यालय से बाहर निकलवा देते हैं।
जानकारी के अनुसार, सेक्टर-66 मामूरा गांव में आशुतोष चौहान ने ई-वाहन चार्जिंग प्वाइंट के लिए एलएमवी-11 में निवेश मित्र पर 55 केवीए के बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। यह आवेदन 25 जनवरी को किया गया था। आशुतोष का कार्य निगम के ठेकेदार दया शंकर तिवारी कर रहे हैं। तिवारी ने बताया कि बिजली की लाइन और ट्रांसफार्मर लगाने का काम निगम की टीम के सुपरविजन में किया गया है। इसके लिए 15 प्रतिशत सुपरविजन शुल्क भी दिया गया। निगम में करीब सवा लाख रुपये जमा भी किए गए हैं, लेकिन प्रकिया पूरी करने के बाद भी निगम कनेक्शन स्वीकृत नहीं कर रहा है।
दया शंकर ने बताया कि 55 केवीए के कनेक्शन की स्वीकृति के लिए वो 16 मार्च से मुख्य अभियंता के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। पहले तो कनेक्शन स्वीकार नहीं किया जा रहा था लेकिन कुछ समय बाद स्वीकृति के लिए 25 हजार रुपये की मांग रखी गई। इस पर दया शंकर ने 12 हजार रुपये जमा करा दिए।
दया शंकर ने बताया कि उन्हें बिजली दफ्तर में कहा गया कि तीन सौ रुपये प्रति केवीए के हिसाब से उन्हें 16,500 देना होगा। पूरे पैसे देने के बाद ही स्वीकृति दी जाएगी। दया शंकर फिर बुधवार को बिजली दफ्तर पहुंचे और कनेक्शन प्रक्रिया पर सवाल उठाया और चुपके से बातचीत का वीडियो बना लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दूसरी ओर, निगम के मुख्य अभियंता राजीव मोहन ने इन आरोपों को झुठलाते हुए कहा कि एक व्यक्ति सीधे उनके दफ्तर में पहुंचा और कनेक्शन जारी नहीं करने के बारे में पूछने लगा। उस वक्त वह किसी जरूरी काम में व्यस्त थे जिसके चलते उन्होंने उस आदमी को दफ्तर से बाहर जाने को कहा। उन्होंने बताया कि दफ्तर में कनेक्शन स्वीकृति पत्र 18 मार्च को आया था। कनेक्शन को स्वीकृत कर दिया गया है। साथ ही रिश्वत की कोई मांग नहीं की गई। यह आरोप निराधार है।
उधर, पीवीवीएनएल की एमडी चैत्रा वी का कहना है कि मामले की अब तक न तो कोई शिकायत पहुंची है और न ही वीडियो। शिकायत मिलते ही जांच कर कार्रवाई की जाएगी।