इस घटना के बाद पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेते हुए हाजी रिजवान और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मूंढापांडे थाने में दरोगा नरेंद्र कुमार की शिकायत पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायत के अनुसार, 6 नवंबर को हाजी रिजवान अपने समर्थकों को छुड़ाने थाने पहुंचे थे, जहां थाने के बाहर पुलिस के साथ उनकी कहासुनी हो गई। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने हाजी रिजवान और उनके 10 से 15 समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।यह विवाद चुनावी माहौल में खासा चर्चित हो गया है, और इसे लेकर सियासी हलकों में भी बहस छिड़ गई है। हाजी रिजवान कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा के प्रत्याशी हैं और पूर्व विधायक भी रह चुके हैं।सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान ने वायरल वीडियो और पुलिस की कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पुलिस उनके कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान कर रही थी, जिसके चलते वह थाने गए थे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पुलिस द्वारा उनके समर्थकों को परेशान करने का सिलसिला जारी रहा, तो वह थाने के सामने धरने पर बैठ जाएंगे।
गाली-गलौज के आरोपों पर भी हाजी रिजवान ने सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने किसी को गाली नहीं दी है, और यह आरोप बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि वह सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं की सहायता के लिए वहां गए थे, लेकिन उन्हें गलत तरीके से विवाद में घसीटा जा रहा है।पुलिस ने सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान और उनके समर्थकों पर भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
इन धाराओं में आरोप लगाया गया है कि हाजी रिजवान ने पुलिस को जान से मारने की धमकी दी, पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने की नीयत से एक वीडियो बनाया और उसे राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वायरल किया।आरोपों के तहत हाजी रिजवान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223, 191(2), 122(1), 132, 221, 352, 351(2) और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 66E के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि इस घटना से विभाग की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है, जो गंभीर अपराध माना जा रहा है।हाजी रिजवान ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्होंने किसी को गाली नहीं दी और थाने पर केवल अपने कार्यकर्ताओं की मदद के लिए गए थे।