खतौली। थाना क्षेत्र के गांव भैंसी स्थित सार्वजनिक शमशान में बाल्मिकी समाज के एक दिवंगत व्यक्ति के शव के अंतिम संस्कार को रोके जाने से दो पक्षों के बीच तनातनी हो गई। सूचना मिलते ही आनन फानन सीओ रामाशीष यादव और कोतवाल बृजेश कुमार शर्मा ने पुलिस बल के साथ गांव पहुंचकर मामला संभाला। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद सहमति बनने पर शव का अंतिम संस्कार हो सका।
जानकारी के अनुसार गांव भैंसी निवासी बाल्मिकी समाज दशकों से जिस भूमि पर अपने शवों का अंतिम संस्कार करता आ रहा था, उस भूमि को गांव के ही अशोक अहलावत एडवोकेट ने अपनी पैतृक संपत्ति बताकर शवों का अंतिम संस्कार होने पर आपत्ति लगा दी थी। आपत्ति को दरकिनार करके बाल्मिकी समाज द्वारा अपने शवों का अंतिम संस्कार इसी भूमि पर करने की जिद पकड़ लेने के चलते अशोक अहलावत एडवोकेट द्वारा दस्तावेजी सबूतों के आधार पर आला अधिकारियों से शिकायत की गई थी।
लंबे चले प्रकरण के पश्चात बाल्मिकी समाज के शवों का अशोक अहलावत एडवोकेट की पैतृक भूमि पर शवों का अंतिम संस्कार होना रुक गया था। इस प्रकरण के चलते गांव भैंसी के बाल्मिकी समाज ने शमशान के लिए भूमि उपलब्ध कराए जाने की मांग आला अधिकारियों से की हुई है।
बताया गया कि शनिवार को बाल्मिकी समाज के बाबूराम पुत्र ईश्वर का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। बताया गया कि बाबूराम के शव का गांव के सावर्जनिक शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किए जाने का मौके पर मौजूद कुछ लोगों द्वारा विरोध करने पर बाल्मिकी समाज में आक्रोश व्याप्त हो गया।
बाल्मिकी समाज के लोगों द्वारा हंगामा करके नारेबाज़ी करने से माहौल गरमा गया। शव का अंतिम संस्कार करने को लेकर सार्वजनिक शमशान घाट पर दो पक्षों के आमने सामने आने की खबर मिलते ही सीओ रामाशीष यादव और कोतवाल बृजेश कुमार शर्मा दल बल के साथ आनन फानन मौके पर पहुंच गए। बाद में तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता भी सार्वजनिक शमशान घाट पहुंच गई।
बताया गया कि देर तक चले हंगामे के बाद दोनों पक्षों में आपसी रजामंदी बनने के बाद ही बाबूराम के शव का सार्वजनिक शमशान घाट पर अंतिम संस्कार हो सका। सीओ राम आशीष यादव ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से शव का अंतिम संस्कार किया गया है। दोनों पक्षों के बीच तनाव जैसी कोई बात नहीं है।