Tuesday, November 19, 2024

असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश और भाजपा पर बोला हमला,कहा-सपा हार मान चुकी, अब जयंत को हराना है

 

 

मुजफ्फरनगर। मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के ककरौली में सोमवार को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया। जनसभा में ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और भाजपा की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने अपने भाषण में कई मुद्दों को उठाते हुए अखिलेश यादव पर आरक्षण को लेकर तंज कसा और भाजपा की नीतियों को समाज विरोधी बताया।

 

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एआईएमआईएम प्रमुख ने वक्फ संपत्ति को लेकर बनाए गए नए कानून को काला कानून बताया। उन्होंने कहा कि अगर यह कानून पास हुआ, तो वक्फ संपत्तियां जिलाधिकारियों के नियंत्रण में चली जाएंगी और मुस्लिम समुदाय को इसका बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें। असदुद्दीन ओवेसी ने अपने सम्बोधन मे मीरापुर विधानसभा के स्थानीय समस्याओं को उठाते हुए कहा की क्षेत्र मे ने तो पर्याप्त स्कूल बन सके हैं। बच्चियों के कोई डिग्री कॉलेज नहीं है अस्पताल नहीं है। मोरना शुगर मिल की क्षमता बढ़ाने की मांग भी पूरी नहीं हुई है। गन्ने का भाव 450 होना चाहिए अभी तक सिर्फ 350 दिया जा रहा है।

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ओवैसी ने अपने भाषण में सपा मुखिया अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का हवाला देते हुए कहा कि, “जब दंगे हो रहे थे, तब अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। दंगा पीड़ित टेंट में रह रहे थे, जबकि सैफई में उत्सव मनाया जा रहा था। समाजवादी पार्टी अब चुनाव हार चुकी है और उसके पास कोई ठोस एजेंडा नहीं है।” कहा, “अखिलेश यादव के पास आरक्षण केवल अपने परिवार के लिए है। उन्होंने कभी अपने परिवार से बाहर के लोगों के लिए काम नहीं किया। उनका आरक्षण उनके चाचा, भाई, पत्नी और उनके खानदान तक सीमित है। आम जनता के लिए कुछ नहीं है।” उन्होंने समाजवादी पार्टी को लेकर कहा, “आपको गलतफहमी है कि सपा आपके लिए कुछ कर सकती है। AIMIM को वोट दें और अखिलेश यादव का दिमाग ठिकाने लगाएं।”

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ओवैसी ने कहा कि उपचुनाव में सपा पहले ही हार मान चुकी है और अब रालोद के जयंत चौधरी को हराना है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग सपा और रालोद को नकारकर एआईएमआईएम का समर्थन करें, क्योंकि वही एकमात्र पार्टी है जो जनता के हितों की बात करती है।

 

 

ककरौली की इस जनसभा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ओवैसी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में भाषण देते हुए जनता को भाजपा और सपा से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए काम करती हैं और जनता की परेशानियों पर ध्यान नहीं देती।

भाजपा के नेताओं पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, “योगी कहते हैं ‘बंटोगे तो कटोगे’, मोदी कहते हैं ‘एक है तो सेफ है’, और कोई धर्मयुद्ध की बात करता है। ये ‘लव जिहाद’ कहां से आ गया, मुझे नहीं मालूम।”

उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने योगी का बुलडोजर रोक दिया है। सत्ता किसी के पास स्थायी नहीं होती। इंदिरा गांधी भी यही सोचती थीं, लेकिन चली गईं। मोदी और योगी को समझना चाहिए कि भारत इनसे बड़ा है।”ओवैसी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “डरने की जरूरत नहीं है। मौत एक बार आती है, दो बार नहीं। मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और ओवैसी को भी मरना है, लेकिन हम सियासत छोड़कर नहीं जाएंगे।”

ओवैसी ने बुढ़ाना हिंसा का मुद्दा उठाते हुए कहा, “जब नबी की शान में विवाद हुआ, तो सिर्फ AIMIM के लोग जेल गए। क्या उस वक्त लाल टोपी वाले (सपा के नेता) वहां आए थे? अखिलेश यादव खुद जेल नहीं जाएंगे, लेकिन आजम खान और अब्दुल्ला को जेल भेज दिया गया।”

ओवैसी ने झांसी मेडिकल अग्निकांड का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती दी। उन्होंने कहा, “झांसी में आग लगने से याकूब मंसूरी के जुड़वा बच्चे मर गए, लेकिन उसने अपनी जान पर खेलकर कई बच्चों को बचाया। क्या मुख्यमंत्री याकूब मंसूरी से कह सकते हैं ‘बंटोगे तो कटोगे’?”

ककरौली में आयोजित इस जनसभा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। भीड़ बेकाबू नजर आई, जिससे सभा में उमंग और जोश का माहौल बना रहा। ओवैसी ने भाजपा और सपा के खिलाफ तीखा रुख अपनाते हुए जनता से AIMIM उम्मीदवार अरसद राणा को वोट देने की अपील की।

 

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि AIMIM समाज के वंचित वर्गों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद सियासत को नए आयाम देना और जनता के मुद्दों को सुलझाना है।”

 

ओवैसी की सभा मे वक्ताओ ने उर्दू भाषा व कुरान की आयतो का प्रयोग कर भाषणों को धार्मिक रूप देकर भावनाओ बढ़ाने का पूरा काम किया
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी,मौ फरमान विधानसभा अध्यक्ष, फहीम, शाह आलम, इंतजार अंसारी, नययर काज़मी, महताब चौहान, याकूब अली, इरफ़ान, दानिश शहज़ाद आदि मौजूद रहे।

 

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