Wednesday, November 27, 2024

रिपोर्ट के अनुसार भारत का रियल एस्टेट मार्केट 2047 तक 4.8 ट्रिलियन डॉलर का होगा

नई दिल्ली। भारत का रियल एस्टेट मार्केट 2047 तक बढ़कर 4.8 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा। इसकी भागीदारी 2047 की अनुमानित जीडीपी 26 ट्रिलियन डॉलर में 18 प्रतिशत से अधिक की होगी। यह जानकारी रियल एस्टेट निकाय क्रेडाई और अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि ‘प्रॉपटेक’ 2047 तक निरंतर दर से बढ़कर 600 अरब डॉलर के बाजार आकार को छू लेगा, यह पूरे रियल एस्टेट उद्योग का लगभग 12-13 प्रतिशत होगा। वर्तमान में प्रॉपटेक की हिस्सेदारी 300 अरब डॉलर के रियल एस्टेट क्षेत्र में 5 प्रतिशत से भी कम है।

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम) जैसे इनोवेशन ऑपरेशन में क्रांति और दक्षता ला रहे हैं और रियल एस्टेट वैल्यू चेन में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह बदलाव 2047 तक भारत की अनुमानित 26 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का समर्थन करता है, जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है, जो वर्तमान में 7 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 7.7 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देकर रियल एस्टेट सेक्टर भारत का एक प्रमुख आर्थिक स्तंभ रहा है और अगले दशक में तेजी से बढ़ने वाला है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) और पीएम गति शक्ति सहित मैक्रो-स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पहल इस सेक्टर के विकास से निकटता से जुड़ी हुई हैं। एनआईपी का लक्ष्य अगले दशक में परिवहन, ऊर्जा, संचार और सामाजिक बुनियादी ढांचे में 1.4 ट्रिलियन डॉलर के निवेश का है। रिपोर्ट के अनुसार, सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और बंदरगाहों तक फैली परियोजनाएं रियल एस्टेट बाजारों में अवसरों को खोल रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंदौर, सूरत, जयपुर, चंडीगढ़, सेलम, भोपाल, विशाखापत्तनम और आगरा जैसे टियर 2 और टियर 3 शहर नए रियल एस्टेट निवेश केंद्र के रूप में उभर रहे हैं और मांग में इजाफा होने के कारण इनके बढ़ने की उम्मीद है।

क्रेडाई (द कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने सरकार से विभिन्न प्रोत्साहन की मांग की है। इनमें संस्थागत फाइनेंसिंग तक आसान पहुंच और डेवलपर्स के लिए कम उधारी लागत की सुविधा के लिए रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना और किफायती आवास को फिर से परिभाषित करके बिक्री मूल्य को 90 लाख रुपये किया जाना शामिल है, जो फिलहाल 45 लाख रुपये है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय