लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के सशक्तीकरण और लिंगानुपात में सुधार करने के लिए 23 हजार से अधिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित की जा रही है। केंद्र की योजनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही प्रदेश की योगी सरकार राज्य के हर वर्ग के विकास के लिए बेहतरीन कार्ययोजना के साथ आगे बढ़ रही है।
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प्रदेश में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना से योगी सरकार ने लिंग-चयन की प्रक्रिया को समाप्त कर बालिकाओं को न सिर्फ सुरक्षित कर रही है बल्कि लिंगानुपात में सुधार भी ला रही है। राज्य के सभी 75 जिलों योजना के अंतर्गत जागरूकता से संबंधित गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिसके अंतर्गत जन्म के समय लिंगानुपात के अनुसार ही जनपदों को धनराशि का आवंटन किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 23,184 गतिविधियों के माध्यम से 26.60 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया। इस योजना के अंतर्गत योगी सरकार बालिकाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी उच्च शिक्षा को सुनिश्चित करने में कामयाब हो रही है। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 में योगी सरकार ने सभी जनपदों को योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए 17.86 करोड़ रुपये की राशि आवांटित की है।
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इसके माध्यम से योजना के अनुरूप जिलों में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने समेत मिशन शक्ति 5.0 के अतर्गत विभिन्न कार्यक्रम तथा प्रचार-प्रसार व जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन कर रही हैं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के संचालन में प्रदेश के सभी जिले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, लखीमपुर खीरी, एटा, सहारनपुर, मेरठ, बुलंदशहर जिले अपने बजट आवंटन के सापेक्ष 60 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक व्यय कर योजनाओं के बेहतर संचालन कर प्रदेश में शीर्ष स्थान पर हैं। योजना के संचालन में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिले – जिला – आवंटन व्यय – व्यय – प्रतिशत लखीमपुर खीरी – 2,340,000 – 2,334,365 – 99.76 एटा – 2,340,000 – 1,813,602 – 77.50 सहारनपुर – 2,340,000 – 1,714,255 – 73.26 मेरठ – 1,560,000 – 1,027,691 – 65.88 बुलंदशहर – 1,560,000 – 984,632 – 63.12 सीएम योगी के नेतृत्व में बीते साढ़े सात वर्षों में प्रदेश ने महिला स्वास्थ्य और इससे जुड़े क्षेत्र में बेहतरीन प्रगति की है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में प्रजनन दर में कमी आई है और लिंगानुपात बढ़ा है। प्रजनन दर 2.7 से घटकर 2.4 हो गई है। मतलब, जनसंख्या में अब कम बढ़ोतरी हुई है। वहीं, लिंगानुपात यानी प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या बढ़ी है। शहरी क्षेत्र में जहां यह प्रति 1,000 पुरुष पर 985 महिला हैं, वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं का लिंगानुपात 1,000 पुरुषों के मुकाबले 1,037 है। यानि प्रदेश की महिलाओं की संख्या प्रति हजार पुरुष के सापेक्ष बढ़कर 1,020 हो गई है। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के सख्त उपाय और परिवार नियोजन के प्रति बढ़ी जागरुकता का यह नतीजा है।