नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को स्वास्थ्य के आधार पर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने कुलदीप सिंह सेंगर की प्राथमिक जांच के लिए एम्स में कल यानी 6 दिसंबर भर्ती करने का निर्देश दिया है।
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कोर्ट ने कहा कि सेंगर को 6 दिसंबर को तीन-चार दिनों के लिए भर्ती किया जाएगा, ताकि उनकी बीमारियों का इलाज हो सके। कोर्ट ने कहा कि अस्पताल से निकलने के बाद सेंगर पीड़िता से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो एम्स अस्पताल के संपर्क में रहे, ताकि कुलदीप सिंह सेंगर के मूवमेंट का पता चल सके। कोर्ट ने सेंगर को निर्देश किया कि वो जांच अधिकारी के संपर्क में रोजाना रहेंगे।
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कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका पर 3 दिसंबर को सीबीआई को नोटिस जारी किया था। कुलदीप सेंगर की ओर से पेश वकील एन हरिहरन ने कहा था कि वे केवल स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग कर रहे हैं। सेंगर की अंतरिम जमानत याचिका का पीड़िता की ओर से पेश वकील महमूद प्राचा ने विरोध करते हुए कहा था कि सेंगर को जेल के अंदर पर्याप्त चिकित्सा सुविधा दी जा सकती है। उन्होंने सेंगर की मेडिकल रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए थे।
सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी लंबित है। तीस हजारी कोर्ट ने 16 दिसंबर, 2019 को रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपितों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
रेप पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। 4 जून, 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ घंटे बाद ही जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी।
पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2019 को सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।