रायबरेली। अतीक अहमद के भाई अशरफ के काफिले में चल रहे एक वकील के वाहन को पुलिस ने रोक कर उसका चालान किया है। वकील खुद को अशरफ के वकील विजय मिश्रा का जूनियर बता रहा था। उसके वाहन में काली फिल्म लगी हुई थी, जिसे पुलिस ने उतार दिया।
सोमवार सुबह बरेली से अतीक के भाई को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था। इस दौरान शहर के सारस चौराहा पर काफिले में चल रही काली फिल्म लगी गाड़ी को पुलिस ने रोक लिया। इस गाड़ी पर एक वकील सवार थे। वह खुद को अतीक के भाई अशरफ के वकील विजय मिश्रा का जूनियर बता रहे थे।
पुलिस ने उनकी गाड़ी की तलाशी ली और उनकी कार में लगी काली फिल्म को उतरवाया ।इस दौरान पुलिस ने वाहन का मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान किया है ।वकील का कहना था कि वह हाईकोर्ट के निर्देश पर कुछ कागज लेकर बरेली गए थे। रास्ते में उन्हें तीन बार रोककर उनके गाड़ी की तलाशी ली गई है।
उल्लेखनीय है कि विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का 2006 में अपहरण कर लिया गया था।2007 में उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में 11 लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया गया था।अतीक अहमद और अशरफ़ की इस मामले में मुख्य भूमिका बताई जा रही है।इन आरोपियों में एक की मौत हो चुकी है,बाकी 10 आरोपियों अतीक अहमद,खालिद अजीम उर्फ अशरफ, आबिद,आशिक,जावेद,एजाज अख्तर,दिनेश पासी,खान सौलत, हनीफ और एक अन्य शामिल हैं। इन सभी पर 28 मार्च को फ़ैसला सुनाया जाना है और अदालत में अशरफ़ और अतीक को पेश करना है।