नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने और देशभर में लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022 के तहत कई कदम उठाए हैं। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि यूनिफाइड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी) के लॉन्च होने से एपीआई-आधारित इंटीग्रेशन के माध्यम से डेटा तक उद्योग जगत की पहुंच आसान हुई है। उन्होंने कहा कि नीति के हिस्से के रूप में कोयला क्षेत्र में कुशल लॉजिस्टिक्स (एसपीईएल) के लिए क्षेत्रीय योजना को अधिसूचित किया गया है। इसके अतिरिक्त, 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी लॉजिस्टिक्स नीतियों को तैयार और अधिसूचित किया है, जिन्हें dpiit.gov.in पर देखा जा सकता है।
प्रसाद ने बताया कि विश्व बैंक के लॉजिस्टिक परफॉरमेंस इंडेक्स (एलपीआई) में भारत की रैंकिंग 2014 के 54वें स्थान से छह पायदान ऊपर चढ़कर 2023 में 38वें स्थान पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि परिचालन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, 14 मार्च 2023 को एक अंतर-मंत्रालयी सेवा सुधार समूह (एसआईजी) का गठन किया गया है। मंत्री ने कहा क लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के व्यावसायिक संघों को शामिल किया गया, ताकि मुद्दों को हल करने और दक्षता में सुधार के लिए एक मजबूत तंत्र बनाया जा सके।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक ये पहल लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के एकीकृत विकास, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को शामिल करने, परिसंपत्तियों के मानकीकरण और प्रक्रिया डिजिटलीकरण पर केंद्रित हैं। मंत्रालय के मुताबिक वर्तमान में यह प्लेटफॉर्म 11 मंत्रालयों की 39 प्रणालियों के साथ एकीकृत है और 125 एपीआई के माध्यम से 1,800 से अधिक डेटा फ़ील्ड तक पहुंच प्रदान करता है।