मुजफ्फरनगर। नगर पालिका क्षेत्र में करीब 1.12 करोड़ की तीन हजार एलईडी लाइट लगाने को आपूर्ति के लिए आमंत्रित की गई निविदा को चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने निरस्त कर दिया है। उन्होंंने निविदा प्रस्तुत करने वाली फर्म को भी ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश जारी किया है।
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जांच में लाइट का सेंपल फेल पर होने पर यह कार्यवाही की गई है। चेयरपर्सन ने तत्कालीन मार्ग प्रकाश प्रभारी के विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए ईओ को लिखा है। नगरपालिका क्षेत्र में तीन हजार एलईडी लाइट लगाने के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। जिसके सापेक्ष मैसर्स एसएस एंटरप्राइजेज की ओर से करीब 1.12 करोड़ रुपये में तीन हजार एलईडी लाइटों की आपूर्ति के लिए निविदा डाली थी।
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जिस पर सभासद देवेश कौशिक ने आपत्ति जताते हुए कंपनी की ओर से उपलब्ध कराई जा रही एलईडी लाइटों की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा किया था। पालिका ने 45 वाट एलईडी लाइटो की आपूर्ति के लिए फर्म की ओर से दिये गए सेंपल के 130 ल्यूमिनर पर वाट एवं गुणवत्ता की जांच लोक निर्माण विभाग लखनऊ से करायी।
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लोक निर्माण विभाग की ओर से दी गई जांच आख्या में आपूर्ति के लिए दिये गए सेंपल की गुणवत्ता मानक अनुसार नहीं पाई गई, जिस पर पालिका चेयरपर्सन ने फर्म को ब्लैक लिस्टेड करते हुए निविदा निरस्त कर दी। उन्होंने पुन नियमानुसार निविदा आमंत्रित किये जाने के लिए मार्ग प्रकाश विभाग को निर्देशित किया।
चेयरपर्सन ने संबद्ध किये गए अवर अभियंता जल धर्मवीर सिंह को भी मार्ग प्रकाश प्रभारी पद के दायित्व से मुक्त कर दिया। उन्होंने तत्कालीन मार्ग प्रकाश प्रभारी गोपीचंद वर्मा के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया।