नई दिल्ली। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज संसद भवन के पीएम कार्यालय में मुलाकात हुई। यह मुलाकात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद पहली बार हुई है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
शरद पवार ने मीडिया से बातचीत में इस मुलाकात को औपचारिक बताया। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी को दिल्ली में होने वाले अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का निमंत्रण देने आए थे। इस सम्मेलन में शरद पवार स्वागताध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि उनकी यह बैठक मुख्य रूप से किसानों के मुद्दों पर केंद्रित थी।
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यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने भारी जीत हासिल की। चुनाव प्रचार के दौरान शरद पवार और प्रधानमंत्री मोदी के बीच तल्ख बयानबाजी देखने को मिली थी। इस पृष्ठभूमि में दोनों नेताओं की मुलाकात ने राजनीतिक अटकलों को जन्म दिया है।
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शरद पवार, जो महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन के एक प्रमुख नेता माने जाते हैं, की प्रधानमंत्री से मुलाकात को कई राजनीतिक कोणों से देखा जा रहा है। महाराष्ट्र में एनसीपी के भविष्य और महाविकास अघाड़ी की रणनीति को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
पिछले कुछ समय में एनसीपी ने भाजपा के “वन नेशन, वन इलेक्शन” प्रस्ताव का विरोध किया है। इसलिए यह भी अनुमान है कि इस मुद्दे पर चर्चा हुई होगी। हालांकि, शरद पवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मुलाकात किसानों के मुद्दों और साहित्य सम्मेलन तक ही सीमित थी।
शरद पवार ने पत्रकारों से कहा, “यह मुलाकात किसानों की समस्याओं और उनके समाधान के लिए थी। महाराष्ट्र के किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। मैंने प्रधानमंत्री से इस पर चर्चा की।”
चुनावी हार के बाद अघाड़ी के घटकों के बीच मतभेद की संभावना है। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता में शरद पवार की भूमिका को देखते हुए, यह मुलाकात गठबंधन के भीतर नए समीकरण पैदा कर सकती है। एनसीपी और भाजपा के संभावित समीकरणों पर भी चर्चा हो रही है, हालांकि पवार ने इस पर कोई संकेत नहीं दिया।