नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमित शाह की टिप्पणी की निंदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया “जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से अंबेडकर से असहमत होंगे। मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ बेशक होगी ही।”
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि”अमित शाह ने संसद में बाबा साहेब का अपमान किया है। इससे यह साबित हो गया है कि बीजेपी और आरएसएस संविधान के विरोधी हैं। संघ परिवार के लोग मनुस्मृति को लागू करना चाहते थे, लेकिन बाबा साहेब ने ऐसा नहीं होने दिया। यही वजह है कि उनके प्रति इतनी घृणा है।”
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उन्होंने आगे कहा कि डॉ. अंबेडकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के लिए मसीहा हैं और हमेशा रहेंगे।
कांग्रेस ने भाजपा पर अंबेडकर और संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए अमित शाह से सदन में माफी की मांग की। खड़गे ने कहा कि डॉ. अंबेडकर को अपमानित करने वाले बयान अस्वीकार्य हैं और भाजपा के असली विचारधारा को उजागर करते हैं।
भाजपा की ओर से अभी इस विवाद पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, अमित शाह के बयान का संदर्भ कांग्रेस की “अंबेडकर की विरासत का राजनीतिक लाभ उठाने” की ओर इशारा कर सकता है।
यह विवाद ऐसे समय में उठा है जब संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर की भूमिका को लेकर सभी पार्टियां चर्चा कर रही हैं। बाबा साहेब के विचारों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच पहले भी मतभेद देखने को मिले हैं।