सहारनपुर। जिलाधिकारी मनीष बंसल के निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) से निपटने की तैयारियों की समीक्षा हेतु जिला स्तरीय टास्क फार्स की बैठक आहूत की गयी।
बैठक में बर्ड फ्लू रोग से बचाव हेतु तैयारियां, कण्ट्रोल एवं कन्टेनमेंट पर विस्तार से चर्चा की गयी एवं बर्ड फ्लू से मानव एवं पक्षियों में होने वाले प्रमुख लक्षणों की जानकारी दी गयी। बर्ड फ्लू के फैलने के प्रमुख कारणो तथा उसके फैलाओ को रोकने के लिए की जाने वाली करवाई की भी समीक्षा की गयी। बर्फ फ्लू होने की दशा में क्या करे एवं क्या न करें से सभी को अवगत कराया गया।
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बर्ड फ्लू के दौरान क्या करें-
बर्ड फ्लू से बचने के लिए बार-बार हाथ धोने की आदत डालें, खासकर जब आप पक्षियों के संपर्क में आएं, अगर आपको संक्रमित पक्षियों के आसपास होना पड़े तो मास्क जरूर पहनें, घर और आसपास की जगहों को साफ रखें और नियमित रूप से कीटाणुनाशक का इस्तेमाल करें, संक्रमित पक्षियों या उनकी बत्तियों से दूरी बनाए रखें, बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए अंडों और मांस को अच्छे से पकाएं, अगर आपको बर्ड फ्लू के लक्षण महसूस हों जैसे- बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, संक्रमित क्षेत्रों में न जाने का प्रयास करें और आसपास के वातावरण की स्थिति का ध्यान रखें।
क्या न करें- मृत या बीमार पक्षियों को हाथ से न छुएं, क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है, कच्चे अंडे और मांस से बर्ड फ्लू फैल सकता है, इसलिए इन्हें अच्छे से पकाकर ही खाएं, संक्रमित क्षेत्रों में बिना मास्क और ग्लब्स के न जाएं, अगर किसी पक्षी में बीमारी के लक्षण दिख रहे हों, तो उनसे दूर रहें, बर्ड फ्लू के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, या सांस में तकलीफ महसूस होने पर लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। बर्ड फ्लू से बचाव के लिए इन उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है ताकि आप और आपके परिवार को सुरक्षित रखा जा सके। बैठक में पशु पालन विभाग से सभी उप मुख्य एवं पशु चिकित्साधिकारियों ने भाग लिया।