Thursday, December 26, 2024

गाजियाबाद में क्रेडिट व डेबिट कार्ड से 11 माह में 36 लोगों से लाखों की ठगी

गाजियाबाद। क्रेडिट व डेबिट कार्ड का रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का झांसा देकर 11 माह में 36 लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले चार शातिरों को पुलिस ने इंदिरापुरम के अभयखंड से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए शातिर बैंक कर्मचारी या कस्टमर केयर अधिकारी बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। चारों के पास से पुुलिस ने 22 क्रेडिट व डेबिट कार्ड, 24 चेकबुक, चार स्वाइप मशीन व अन्य सामान बरामद किया है।

 

 

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एसीपी रजनीश उपाध्याय ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 स्थित राजवीर कॉलोनी घरोली निवासी अजीत उर्फ अरविंद, दिल्ली के गोकुलपुर स्थित गंगा विहार निवासी रोबिन, कानपुर देहात के रसूलाबाद स्थित खेड़ा कुरसी निवासी आलोक और बहराइच के भुबकापुर निवासी रिजवान शामिल हैं। अजीत उर्फ अरविंद गिरोह का सरगना है। गिरोह का एक शातिर विनीत अभी फरार है। अजीत उर्फ अरविंद और रोबिन दोनों स्नातक (बीए) हैं। वहीं, आलोक ने बीएससी किया हुआ है। जबकि, रिजवान अनपढ़ है।

 

 

 

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एसीपी ने बताया कि अजीत उर्फ अरविंद साल 2023 में धोखाधड़ी के मामले में जेल गया था। जनवरी 2024 में जेल से छूटकर आया था। उसके बाद गिरोह बनाकर ठगी की वारदात करने लगा। अजीत ने इंदिरापुरम के अभयखंड में मयूर विहार निवासी अपने साथी विनीत कुमार के नाम पर फर्जी दस्तावेज के जरिए आरएच इंटरप्राइजेज नाम से फर्म शुरू की और कार्यालय खोला। यहीं से वह अपना गिरोह चलाते थे।

 

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आरोपियों ने आधार और पैन कार्ड को एडिट करके फर्जी नाम-पते तैयार किए। इसके बाद उनके जरिए अलग-अलग सिम खरीदे। साथ ही बैंकों में खाते भी खुलवाए। फर्जी सिम कार्ड से क्रेडिट और डेबिट कार्ड धारकों को फोन करते थे। इसके बाद रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का लालच देकर उन्हें एक लिंक भेजते थे। लिंक पर क्लिक करते ही पीड़ित के मोबाइल का कंट्रोल ठगों के हाथ होता था। इसके बाद वह खाते से रुपये निकाल लेते थे। इसके बाद पूरा रुपया फर्जी आईडी पर खुले बैंक खातों में जाता था। यहां से चेकबुक और डेबिट कार्ड के जरिए रुपये बैंक से निकाल लेते थे।

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