नई दिल्ली। डिजीयात्रा के डेटा का इस्तेमाल करते हुए टैक्स चोरी पकड़ने की खबरों पर आयकर विभाग के बाद अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी सफाई दी है। हाल ही में खबरें आई थीं कि डिजीयात्रा के डाटा का इस्तेमाल टैक्स चोरी पकड़ने के लिए किया जा रहा है। इस पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अपनी सफाई जारी की है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नागरिक उड्डयन मंत्रालय स्पष्ट करता है कि डिजी यात्रा से संबंधित हालिया मीडिया रिपोर्ट निराधार और गलत दावों पर आधारित है। भारतीय टैक्स अथॉरिटीज के साथ डिजीयात्रा के यात्रियों की जानकारी को साझा नहीं किया जाता है। डिजीयात्रा ऐप सेल्फ सॉवरेन आइडेंटिटी मॉडल पर काम करता है, जिसके तहत ट्रेवल से जुड़ी जानकारियां और निजी जानकारियां सीधे यूजर्स के डिवाइस पर स्टोर होती हैं, न कि किसी सेंट्रल रिपॉजिटरी के पास।
“मंत्रालय ने पोस्ट में आगे लिखा, “अगर कोई यूजर अपने मोबाइल से डिजीयात्रा ऐप को अनइंस्टॉल कर देता है तो उसका सारा डेटा खुद ही डिलीट हो जाएगा। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट सिस्टम खुद ही फ्लाइट के उड़ान भरने के 24 घंटे बाद यात्रियों का सारा डेटा हटा देता है। यहां यह भी ध्यान देने की बात है कि डिजीयात्रा ऐप सिर्फ घरेलू यात्रियों के लिए डिजाइन किया गया है और यह अंतर्राष्ट्रीय ट्रैवलर्स पर लागू नहीं होता है।” हाल ही में कुछ खबरों में यह दावा किया गया था कि इनकम टैक्स विभाग डिजीयात्रा ऐप का डाटा टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए इस्तेमाल करेगा। इस पर अब इनकम टैक्स विभाग ने सफाई दी है। आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “कुछ न्यूज आर्टिकल में कहा गया है कि टैक्स चोरों पर शिकंजा कसने के लिए डिजीयात्रा ऐप के डाटा का इस्तेमाल किया जाएगा। इस संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि अभी तक इनकम टैक्स विभाग की तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।”